पंजाब में शराब, मादक पदार्थों पर रोक ने लगने से युवा खत्म हो जाएंगे: उच्चतम न्यायालय |

पंजाब में शराब, मादक पदार्थों पर रोक ने लगने से युवा खत्म हो जाएंगे: उच्चतम न्यायालय

पंजाब में शराब, मादक पदार्थों पर रोक ने लगने से युवा खत्म हो जाएंगे: उच्चतम न्यायालय

:   Modified Date:  December 5, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : December 5, 2022/8:38 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) पंजाब में तेजी से बढ़ रहे अवैध शराब के कारोबार और नशीले पदार्थों की तस्करी पर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि इस बुराई से ”युवा खत्म हो जाएंगे। इसने राज्य सरकार से कहा कि वह चौकसी बरतने में विफल रहने को लेकर स्थानीय पुलिस की जवाबदेही तय करे।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने पंजाब सरकार से अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों के बारे में बताने को कहा।

पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने अदालत को आश्वासन दिया कि राज्य कार्रवाई कर रहा है और अवैध शराब की 13,000 से अधिक भट्टियों को नष्ट कर चुका है।

पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक ​​​​पंजाब का संबंध है, मादक पदार्थों की समस्या बढ़ रही है। युवा समाप्त हो जाएंगे। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हो रहा है। पीड़ित कौन है? गरीब लोग। अवैध शराब के निर्माण और परिवहन को रोकना होगा क्योंकि अंततः इससे स्वास्थ्य और समाज प्रभावित होता है।’’

इसने कहा, ‘अगर कोई देश को खत्म करना चाहता है और विशेष रूप से सीमावर्ती राज्य से, तो वे सीमाओं से शुरू करेंगे। देश को बचाने के लिए हर अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए। अपनी सरकार को बहुत गंभीर होने के लिए कहें। उसे देश को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करना होगा। देश के युवाओं को बर्बाद करना बहुत आसान है।’

शीर्ष अदालत पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सितंबर 2020 के एक आदेश से उत्पन्न एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नकली शराब बनाए जाने, इसकी बिक्री और अंतरराज्यीय तस्करी के संबंध में पंजाब में दर्ज कुछ प्राथमिकियों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण किया गया था।

उच्च न्यायालय ने राज्य के वकील के इस आश्वासन के बाद याचिका का निस्तारण किया था कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं का विधिवत निपटारा किया जाएगा और उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि पिछले दो वर्षों में 36,000 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

 

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