नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने मंगलवार को केंद्र से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से किए जाने वाले रॉयल्टी भुगतान पर फिर से रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि इससे बड़ी धनराशि देश से बाहर जा रही है।
एसजेएम ने कहा कि 2009 में रॉयल्टी भुगतान पर लगी रोक हटाए जाने के बाद से इसका असर गंभीर रूप से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
इस मुद्दे को ‘बड़ी समस्या’ करार देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) द्वारा रॉयल्टी और तकनीकी फीस के नाम पर ‘बहुमूल्य’ विदेशी मुद्रा के देश से बाहर जाने पर चिंता व्यक्त की।
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा, ‘‘ आज हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) का उनकी मूल कंपनी यूनिलीवर को किए जाने वाले रॉयल्टी भुगतान को 2.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.45 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है, जो कि तीन वर्षों में 2025 तक 80-आधार अंकों की वृद्धि है। ’’
अश्विनी महाजन ने कहा, ‘‘ इस निर्णय ने एक बार फिर बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बढ़ते रॉयल्टी भुगतान की अनैतिक प्रथा को उजागर किया है, जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और विदेशी मुद्रा के प्रवाह और विशेष रूप से रुपये के मूल्यह्रास को प्रभावित करता है।’’
भाषा रवि कांत माधव
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