जेएनयूएसयू कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी के वृत्तचित्र का प्रदर्शन नहीं हुआ

जेएनयूएसयू कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी के वृत्तचित्र का प्रदर्शन नहीं हुआ

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  • Publish Date - January 25, 2023 / 12:25 AM IST,
    Updated On - January 25, 2023 / 12:25 AM IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) छात्र संघ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र का प्रस्तावित प्रदर्शन नहीं कर सका। छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ के कार्यालय का बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया।

हालांकि, उन्होंने अपने मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों पर वृत्तचित्र देखा।

जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘विश्वविद्यालय में बिजली आपूर्ति लाइन में गंभीर खराबी आ गई है। हम इसकी जांच कर रहे हैं। इंजीनियरिंग विभाग कह रहा है कि इसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।’’

वृत्तचित्र देखने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए छात्रों ने दावा किया कि जब वे इसे अपने फोन पर देख रहे थे तो उन पर पत्थर फेंके गए।

हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस को ऐसी किसी घटना की सूचना नहीं दी गई।

छात्रों के आरोपों और दावों पर जेएनयू प्रशासन की ओर से भी तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। उसने सोमवार को कहा था कि छात्र संघ ने कार्यक्रम के लिए उसकी अनुमति नहीं ली थी और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी ने दावा किया कि छात्रों ने इसे देखने और साझा करने के लिए एक ऑनलाइन एप्लिकेशन के जरिए अपने मोबाइल फोन पर वृत्तचित्र को डाउनलोड किया।

जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) में वाम समर्थित डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए), स्टूडेंट फेडेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के सदस्य शामिल हैं।

सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ट्विटर और यूट्यूब को ‘‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’’ नामक वृत्तचित्र के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को एक ‘‘दुष्प्रचार का हथकंडा’’ बताते हुए खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है और यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।

विपक्षी दलों ने हालांकि वृत्तचित्र तक पहुंच को अवरुद्ध करने के सरकार के कदम की आलोचना की है।

वृत्तचित्र देखने गए असरार अहमद ने कहा, ‘‘हम शांति से (अपने फोन पर) वृत्तचित्र देख रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने हम पर पत्थर फेंके। अंधेरा होने के कारण पथराव करने वालों की पहचान नहीं हो सकी।’’

वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए मौजूद बालाजी ने दावा किया कि कुछ छात्रों ने अपने मोबाइल और अन्य उपकरणों पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड की थी।

बालाजी ने कहा, ‘‘उन्होंने (जेएनयू प्रशासन ने) बिजली और इंटरनेट बंद कर दिया है। हमने अन्य छात्रों के साथ वृत्तचित्र साझा किया और इसे एक साथ देख रहे हैं।’’

बालाजी ने यह भी दावा किया कि परिसर में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी घूम रहे थे।

हालांकि, पुलिस की कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई।

भाषा

सुरभि प्रशांत

प्रशांत