कोलकाता, 27 जनवरी (भाषा) यादवपुर विश्वविद्यालय के 100 से अधिक विद्यार्थियों के 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृतचित्र को देखने की खबर है।
बताया जाता है कि एक वाम छात्र निकाय ने इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन की व्यवस्था की।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) का वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ दो भाग में है, जिसमें दावा किया गया है कि यह 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल पर आधारित है। गुजरात दंगों के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।
विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘‘दुष्प्रचार का हिस्सा’’ बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र शाखा ‘‘स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’’ (एसएफआई) ने बताया कि बृहस्पतिवार को यादवपुर विश्वविद्यालय में वृत्तचित्र के प्रदर्शन को लेकर पुलिस या संस्थान के प्राधिकारियों की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया।
एसएफआई की राज्य इकाई के सहायक सचिव शुभजीत सरकार ने कहा कि छात्र निकाय प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को वृत्तचित्र का प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा ‘‘प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों की ओर से औपचारिक सहमति अभी दी जानी है, लेकिन हम फिल्म दिखाएंगे।’’
प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सरकार ने दावा किया ‘‘वृत्तचित्र बैडमिंटन कोर्ट में दिखाया जाना था, जहां बिजली काट दी गई। अब हम वृत्तचित्र दिखाने के लिए कॉमन रूम का उपयोग करेंगे।’’
बहरहाल, संस्थान के एक अधिकारी ने कहा कि बिजली कटने की वजह तकनीकी है। अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कोई वृत्तचित्र नहीं दिखाया जा रहा है।
इस बीच, एक अन्य वाम छात्र निकाय ‘‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’’ (एआईएसए) ने कहा कि वह शुक्रवार को यादवपुर विश्वविद्यालय में वृत्तचित्र का एक और प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।
भाषा
मनीषा दिलीप
दिलीप
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)