भाजपा विधायकों के ‘कदमों’ के खिलाफ बंगाल विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पारित |

भाजपा विधायकों के ‘कदमों’ के खिलाफ बंगाल विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पारित

भाजपा विधायकों के ‘कदमों’ के खिलाफ बंगाल विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पारित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : June 22, 2022/8:20 pm IST

कोलकाता, 22 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हाल ही में सदन में पारित विधेयकों को मंजूरी देने में हतोत्साहित करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों की कोशिश की निंदा की गई।

संसदीय कार्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा विधायक सदन की गरिमा को ”गिरा” रहे हैं।

हाल ही में विधानसभा में कई विधेयक पारित किये गए थे, जिसमें राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विभिन्न राज्य संचालित और सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बनाने का प्रस्ताव है।

चटर्जी ने बताया कि भाजपा विधायकों ने भी विधेयकों को पारित करने के लिए हुए मतदान में भाग लिया और हार गए तथा अब ‘‘अब राज्यपाल से विधेयकों को रोकने के लिए कहने का उनका कदम अनावश्यक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे विधानसभा की गरिमा गिरा रहे हैं। इस बैठक (विपक्षी विधायकों और राज्यपाल के बीच) की कड़ी निंदा की जाती है…।’’

विधानसभाध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने भी इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘आप (भाजपा विधायक) विधानसभा की छवि खराब कर रहे हैं। अपने राज्यपाल के पास जाना और उनसे विधेयकों को मंजूरी नहीं देने के लिए कहना अनुचित है।’’

भाजपा विधायकों ने पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान संशोधन विधेयक, 2022, सदन में पारित किये जाने के बाद मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी। विधेयक में राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान है। उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

बैठक के बाद धनखड़ ने कहा, ‘‘मैं विधेयकों को बहुत ध्यान से देखूंगा। मैं कोई पूर्वाग्रह नहीं रखूंगा। अगर यह स्वीकार्य है, तो मैं हस्ताक्षर करूंगा। यदि नहीं, तो मैं सरकार से बात करूंगा। मैं लोकतंत्र का बलिदान नहीं करूंगा।’’

पिछले हफ्ते भाजपा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति नियुक्त करने से राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में ‘प्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप’ होगा।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि वह और भाजपा के अन्य विधायक ‘‘राज्यपाल से आग्रह करेंगे कि वे विधेयकों को मंजूरी नहीं दें और इसे केंद्र को भेजें क्योंकि मामला समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है।’’

भाषा अमित अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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