बंगाल भर्ती घोटाला: ईडी को छापे में भारी मात्रा में नकदी मिली, मंत्री से 11 घंटों तक पूछताछ |

बंगाल भर्ती घोटाला: ईडी को छापे में भारी मात्रा में नकदी मिली, मंत्री से 11 घंटों तक पूछताछ

बंगाल भर्ती घोटाला: ईडी को छापे में भारी मात्रा में नकदी मिली, मंत्री से 11 घंटों तक पूछताछ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : July 22, 2022/10:46 pm IST

कोलकाता, 22 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की और भारी मात्रा में नकदी जब्त की।

केंद्रीय एजेंसी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि रकम कहां से बरामद की गई।

एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने यहां पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की। वह (मंत्री) इस समय कोलकाता में हैं।

इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है।

एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, “ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रहा है।”

एजेंसी ने एक कमरे के अंदर भारी मात्रा में नकदी का ढेर लगे होने की चार तस्वीरें साझा कीं। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि रकम कितनी थी और कहां मिली।

सूत्र ने कहा कि ईडी के कम से कम सात से आठ अधिकारी सुबह लगभग साढ़े आठ बजे चटर्जी के आवास नकतला पहुंचे और पूर्वाह्न 11 बजे तक छापेमारी की। इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मी बाहर तैनात रहे। अधिकारियों ने घोटाले के बारे में उनसे 11 घंटे से ज्यादा पूछताछ की।

एक सूत्र ने बताया कि एक समय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बेचैनी की शिकायत की थी, जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर की एक टीम को बुलाया था।

मंत्री के करीबी सूत्र ने कहा, ‘मंत्री का ईसीजी कराया गया और उनकी हालत स्थिर है।’

पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारी मंत्री के निजी सहायक के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल फोन भी ले गए।

अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पद पर काबिज चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी।

ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पिंगला में चटर्जी के एक करीबी के आवास पर भी छापे मारे गए, हालांकि उन्होंने यह टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि छापेमारी उसी घोटाले की जांच के सिलसिले में थी या नहीं।

उन्होंने कहा कि कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में अधिकारी के आवास पर छापेमारी करने वाले एजेंसी के अफसरों ने उनकी अनुपस्थिति में उनकी बेटी अंकिता अधिकारी सहित उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।

अंकिता ने हाल ही में एक सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी खो दी थी, जहां उन्हें दो साल पहले एसएससी के माध्यम से नियुक्त किया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा इसे ‘‘अवैध’’ पाए जाने के बाद अंकिता को नौकरी गंवानी पड़ी थी।

अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि वह फोन पर अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं।

मंत्री ने कहा, ”उन्होंने आज हमारे घर पहुंचने की योजना के बारे में हमें नहीं बताया था। मैं 21 जुलाई को हुई तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली के बाद कोलकाता में ही हूं। अगर मैं वहां होता तो उन्हें मूड़ी खिलाता।”

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने छापेमारी को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की ”चाल” बताया।

पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, ”ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने व डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है। अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही उनसे (मंत्रियों से) पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं। अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है। भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है।”

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हुई विसंगतियों का समर्थन किया है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “टीएमसी नेताओं और उनके करीबी लोगों ने लाखों योग्य युवाओं को धोखा दिया और गैर-पात्र लोगों को उनकी नौकरी दे दी। सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। कई रहस्य उजागर होंगे। भाजपा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।”

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)