बेंगलुरु: लोकायुक्त को सरकारी छात्रावास में अव्यवस्था और गंदगी का पता चला

बेंगलुरु: लोकायुक्त को सरकारी छात्रावास में अव्यवस्था और गंदगी का पता चला

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  • Publish Date - November 13, 2025 / 10:29 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 10:29 PM IST

बेंगलुरु, 13 नवंबर (भाषा) लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी. एस. पाटिल ने बृहस्पतिवार को यहां एम.जी. रोड स्थित सरकारी विज्ञान कॉलेज के बाल छात्रावास के निरीक्षण के दौरान स्वच्छता की कमी, अत्यधिक भीड़ और घटिया भोजन सहित कई खामियां और अनियमितताएं पाईं।

अधिकारियों ने बताया कि यह निरीक्षण लोकायुक्त द्वारा गठित 14 टीमों की शहरव्यापी कार्रवाई का हिस्सा था, जिनमें न्यायिक और पुलिस अधिकारी शामिल थे।

इन टीमों को बेंगलुरु भर के 28 छात्रावासों में एक साथ छापेमारी कर अनियमितताओं का पता लगाने के निर्देश दिए गए थे।

निरीक्षण के दौरान न्यायमूर्ति पाटिल ने देखा कि छात्रावास की स्वीकृत क्षमता 275 विद्यार्थियों की है लेकिन वहां 373 विद्यार्थियों को ठहराया गया है।

लोकायुक्त कार्यालय ने एक बयान में कहा, “चार छात्रों के लिए निर्धारित कमरों में छह से सात छात्रों को ठहराया गया है, जिससे कई विद्यार्थियों को फर्श पर सोना पड़ रहा है। इस स्थिति में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।”

बयान में आगे कहा गया, “373 छात्रों के लिए केवल 38 शौचालय हैं, जो गंदे पाए गए।”

जब इस बारे में पूछताछ की गई तो सफाई कर्मचारियों ने बताया कि शौचालयों की सफाई केवल दिन में दो बार (सुबह और शाम) की जाती है। इस पर न्यायमूर्ति पाटिल ने निर्देश दिया कि अब से शौचालयों की सफाई दिन में कम से कम चार बार की जानी चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिया कि समाज कल्याण विभाग के सभी अधिकारियों का तबादला किया जाए और छात्रों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए।

बातचीत के दौरान छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें परोसा जाने वाला भोजन “मानक से कम गुणवत्ता” का है।

छात्रों ने कहा कि खाना पकाने के बर्तन और अन्य पात्र “उपयोग से पहले ठीक से साफ नहीं किए जाते” और अत्यधिक भीड़भाड़ के कारण छात्रावास का माहौल “कम वेंटिलेशन के साथ घुटनभरा” हो गया है।

बयान के मुताबिक, उन्होंने यह भी शिकायत की कि सभी छात्रों को अंडे और केले नहीं दिए जाते तथा करीब 20 गैर-छात्र अवैध रूप से छात्रावास में रह रहे हैं।

बयान में कहा गया, “निरीक्षण के लिए नियुक्त न्यायिक और पुलिस अधिकारियों ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है। उनके रिपोर्ट सौंपने पर और भी अनियमितताओं के सामने आने की आशंका है।”

भाषा

राखी संतोष

संतोष