बिहार के शराब निषेध कानून के तहत जमानत याचिकाओं में काफी वृद्धि: पटना उच्च न्यायालय

बिहार के शराब निषेध कानून के तहत जमानत याचिकाओं में काफी वृद्धि: पटना उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - January 14, 2022 / 08:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) पटना उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि राज्य में शराब निषेध कानून लागू होने की वजह से जमानत अर्जियां दाखिल होने में ‘बेतहाशा वृद्धि’ हुई है और करीब 25 प्रतिशत नियमित जमानत आवेदन उक्त कानून के तहत ही दाखिल किये जा रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा कि वह अपने कर्मियों की स्वीकृत संख्या के आधे से कम के साथ काम कर रहा है और जमानत अर्जियों में बढ़ोतरी से नियमित जमानत आवेदनों के निस्तारण में देरी हो रही है।

उसने शीर्ष अदालत में कहा कि इस समय संबंधित पीठों के समक्ष 39,622 जमानत अर्जियां लंबित हैं जिनमें 21,671 अग्रिम और 17,951 नियमित जमानत अर्जियां हैं। इनके अलावा 36,416 नये जमानत आवेदनों को लिया जाना है जिनमें 20,498 अग्रिम तथा 15,918 नियमित जमानत अर्जियां हैं।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 11 जनवरी को एक अन्य मामले में बिहार सरकार की कुछ याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें राज्य के सख्त शराब निषेध कानून के तहत आरोपियों को नियमित और अग्रिम जमानत देने को चुनौती दी गयी थी।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश