कोलकाता, 22 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बुधवार को एक संशोधन विधेयक पारित किया, जिसके तहत मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओएच) को उसके मौजूदा अधिकार क्षेत्र के अतिरिक्त लाइसेंसिग व पंजीकरण प्राधिकारी बनाने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के अनुसार अब तक, केवल राजस्व जिलों के सीएमओएच क्लीनिकल प्रतिष्ठानों के लाइसेंसिंग और पंजीकरण प्राधिकारी हुआ करते थे। अब स्वास्थ्य जिलों के अधिकारी भी ऐसे लाइसेंस जारी कर सकेंगे।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा प्रस्तुत पश्चिम बंगाल नैदानिक प्रतिष्ठान (पंजीकरण, विनियमन और पारदर्शिता) (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने संबंधित अधिनियम में संशोधन का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि इससे घोटालों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आवश्यक बुनियादी ढांचे के बिना कई निजी नैदानिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस मिल जाएगा।
भाषा जोहेब धीरज
धीरज
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