त्रिपुरा में रैलियां निकालने की कोशिश करने वाले विरोधियों के साथ भाजपा करती है मारपीट: ममता बनर्जी |

त्रिपुरा में रैलियां निकालने की कोशिश करने वाले विरोधियों के साथ भाजपा करती है मारपीट: ममता बनर्जी

त्रिपुरा में रैलियां निकालने की कोशिश करने वाले विरोधियों के साथ भाजपा करती है मारपीट: ममता बनर्जी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : October 24, 2021/10:07 pm IST

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 24 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा में यदि राजनीतिक विरोधी रैलियां निकालने का साहस करते हैं तो भाजपा उन्हें पीटती है और महिला सांसद को भी नहीं बख्शा जाता है।

वह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के समीप शुक्रवार को एक जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव पर कथित रूप से हमला करने का जिक्र कर रही थीं। तृणमूल कांग्रेस इस पूर्वोत्तर राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने की कोशिश में जुटी है।

पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकताओं पर हमले संबंधी पार्टी के दावे पर तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में शांति है और यह मरघट की शांति नहीं है। ’’

बनर्जी ने यहां एक रैली में कहा, ‘‘इसके विपरीत उनके राज्य (त्रिपुरा) में हो रही चीजें देखिए। जो भी भाजपा के विरोध में रैलियां निकालने का साहस करता है, उसे लाठी-डंडों से पीटा जाता है। वे(भाजपा वाले) घायल तृणमूल कार्यकर्ताओं का इलाज भी नहीं होने देते हैं। एक युवा पार्टी कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गयी और उसे (कोलकाता के) एसएसकेएम अस्पताल लाना पड़ा। ’’

बनर्जी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक कार्यक्रम करने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन भाजपा इस सिद्धांत का अनुपालन नहीं करती है।

उन्होंने सुष्मिता देव के साथ हुई कथित घटना का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘ (दिवंगत कांग्रेस नेता) संतोष मोहन देव की बेटी पर त्रिपुरा में उस समय हमला किया गया जब वह पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने गई थीं। महिला सांसद पर हमला हुआ।’’ आरोप है कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के नजदीक अमताली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके साथ दुर्व्यवार किया और उनकी कार को नुकसान पहुंचाया।

बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी पार्टियों को स्वतंत्र तरीके से आने-जाने नहीं दिया जाता। उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिला था और दावा किया था कि वे पर्यटक का छलावा कर पुलिस से बचकर वहां पहुंचे हैं।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा रोज झूठ फैलाती है और लोगों के बीच द्वेष फैलाने की कोशिश करती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस भाजपा को नफरत की नीति लागू नहीं करने देगी। हम बंगाल की संस्कृति और विरासत की रक्षा करेंगे, जो सांप्रदायिक सौहार्द्र का स्थान है।’’

बनर्जी ने कहा कि उन्हें देश में कोविड-19 से बचाव के लिए 100 करोड़ टीके की खुराक देने के केंद्र के दावे पर भी आशंका है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप 18 साल से अधिक उम्र के लोगों पर विचार करेंगे, तो कुल आबादी 130 से 150 करोड़ होगी। बच्चों का टीकाकरण अब तक शुरू नहीं हुआ है और केवल 29.51 करोड़ (लोगों को) टीके की दोनों खुराक मिली है… समझ नहीं आ रहा वे कैसे 100 करोड़ के आंकड़े पर पहुंचे। यह धोखा है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में सात करोड़ लोगों को कम से कम एक खुराक दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र द्वारा अपर्याप्त आपूर्ति के बावजूद जल्द 100 प्रतिशत टीकाकरण करेंगे। हम स्वयं टीका निर्माताओं से खुराक खरीदेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर बंगाल की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है और वह इलाके का विभाजन नहीं करने देगी।

गौरतलब है कि भाजपा सांसद जॉन बारला ने जुलाई में उत्तर बंगाल के जिलों को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। बारला अब अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री हैं।

मुख्यमंत्री ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम में संशोधन कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा के 15 किलोमीटर के दायरे के बजाय 50 किलोमीटर के इलाके में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार बल को देने के केंद्र के फैसले की भी आलोचना की।

भाषा धीरज नीरज

नीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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