भाजपा को महाराष्ट्र में विपक्षी दल के रूप में बहुत कुछ करना शेष है: पंकजा मुंडे

भाजपा को महाराष्ट्र में विपक्षी दल के रूप में बहुत कुछ करना शेष है: पंकजा मुंडे

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  • Publish Date - October 24, 2021 / 09:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता पंकजा मुंडे ने कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के पतन के प्रति आसक्त नहीं है और राज्य में एकमात्र प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते भाजपा को जनता के लिए बहुत कुछ करना शेष है।

महाराष्ट्र में भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक होने के साथ ही वह पार्टी की राष्ट्रीय सचिव भी हैं। वर्ष 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं मुंडे ने कहा कि पार्टी को राज्य में एक मजबूत, सक्रिय और रचनात्मक विपक्ष के रूप में काम करना है।

महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गठबंधन सरकार है, जिसे महा विकास आघाडी गठबंधन कहा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘यह सुविधाभोगी और स्वार्थ से बंधी गठबंधन सरकार है, न कि लोक कल्याण की सरकार,… इस (एमवीए) सरकार के भाग्य की चिंता करने के बजाय, हम (भाजपा) विपक्ष की अपनी वर्तमान भूमिका पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

मुंडे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में भाजपा एकमात्र प्रमुख विपक्षी दल है और हमारे पास लोगों के लिए बहुत कुछ हासिल करने तथा करने को है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा इस सरकार के पतन के प्रति आसक्त नहीं है।

मुंडे ने कहा कि एकमात्र प्रमुख विपक्षी दल के रूप में, भाजपा अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकती है और राज्य की राजनीति का केंद्र बिंदु बन सकती है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘भाजपा कार्यकर्ताओं को एक विपक्षी दल की रचनात्मक और सक्रिय भूमिका निभानी है। हमें केवल बैठकर इस सरकार के गिरने का इंतजार करने के बजाय उन मुद्दों को उठाना चाहिए जो लोगों के लिए मायने रखते हैं…।’

जातिगत जनगणना से जुड़े सवालों के जवाब में मुंडे ने कहा कि वह इसके पूर्ण समर्थन में हैं और उन्होंने जोर दिया कि उनकी पार्टी भी इसके खिलाफ नहीं है।

मुंडे ने कहा, ‘जाति आधारित जनगणना समस्या पैदा करने के बजाय कई समस्याओं का समाधान कर सकती है। जब हम इतनी सारी चीजों के लिए जनगणना कर रहे हैं, तो जातिगत क्यों नहीं।’

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि भाजपा इस तरह की जनगणना के खिलाफ है।

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश