पीएफआई पर प्रतिबंध का भाजपा नेताओं ने किया स्वागत |

पीएफआई पर प्रतिबंध का भाजपा नेताओं ने किया स्वागत

पीएफआई पर प्रतिबंध का भाजपा नेताओं ने किया स्वागत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : September 28, 2022/4:13 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं एवं केंद्रीय मंत्रियों ने ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की बुधवार को सराहना की।

उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘‘संबंध’’ होने के कारण बुधवार को पीएफआई व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया।

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलधरन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं। पीएफआई पर प्रतिबंध इस तथ्य को दोहराता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश इस निर्णय का स्वागत करता है।’’

केरल में पीएफआई की सक्रियता और उसकी गतिविधियों के खिलाफ मुरलीधरन प्राय: आवाज उठाते रहे हैं।

पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा गया इस संगठन के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।

अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं।

अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के वास्ते गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पीएफआई पर प्रतिबंध का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘यह नया भारत है। अब नरेंद्र मोदी की सरकार है। जो देश के खिलाफ काम करेगा उसका फ़न कुचला जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि देश विरोधी काम करने वाले संगठनों को अब सुधर जाना चाहिए।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘देश में आतंकी और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं। उन पर इसी तरह का सर्जिकल स्ट्राइक जारी रहेगा।’’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पीएफआई और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रतिबंध लगाए जाने को देशहित में की गई कार्रवाई करार देते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जो इस कार्रवाई को लेकर भी सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘लोकतंत्र के खिलाफ हिंसक साजिश के तहत गतिविधियां चला रहे कुछ संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। देश की सुरक्षा हमारी ताकत है… यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और देशहित में है।’’

नकवी ने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि पहले कुछ राजनीतिक दल ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे थे। ऐसे ही लोग अब भी उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। यही लोग कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करेंगे। जब इस तरह के संगठनों (पीएफआई) पर कार्रवाई होती है तो ये लोग इनके साथ खड़े होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ने शैतानी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की है तो देश की सुरक्षा के लिए की है। अफसोस की बात है कि कुछ लोग इसमें भी सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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