नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ सदन में अपने भाषण के दौरान ‘स्पष्ट झूठ और निंदा अभियान’ के लिए विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष के नेता के भाषण का सत्तारूढ़ भाजपा ने कड़ा विरोध किया था, जिसके बाद दुबे ने अध्यक्ष को अपना नोटिस सौंपा और दावा किया कि कांग्रेस नेता अपने आरोपों को प्रमाणित किए बिना अफवाह फैलाने के लिए अपने संसदीय विशेषाधिकार का उपयोग कर रहे हैं।
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा, ‘‘यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ है।’’
राहुल ने यह आरोप भी लगाया था कि भारत ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निमंत्रण प्राप्त करने के लिए अमेरिका भेजा था। उनके कुछ आरोप महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची और निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के लिए कानून से भी संबंधित थे।
अपने पत्र में, दुबे ने मुद्दों के साथ-साथ जाति जनगणना की मांग से संबंधित कांग्रेस नेता के आरोपों का भी जिक्र किया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इन मुद्दों को उठाते हुए राहुल गांधी ने न केवल ऐतिहासिक एवं ठोस तथ्यों को बेशर्मी से तोड़-मरोड़कर पेश किया है बल्कि हमारे देश का मजाक उड़ाने और हमारे गणतंत्र की प्रतिष्ठा को कम करने की भी कोशिश की है।’’
उन्होंने कहा कि बिरला ने गांधी से अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए कहा था जबकि कांग्रेस नेता ने अब तक ऐसा नहीं किया है।
विपक्ष के नेता पर कटाक्ष करते हुए दुबे ने कहा, ‘‘इस ‘विद्वान’ व्यक्ति ने न तो अपनी अस्पष्ट अफवाहों का प्रमाण दिया है और न ही हमारे देश और निर्वाचित सरकार को बदनाम करने के लिए संसद के पवित्र मंच का उपयोग करने के लिए माफी मांगी है।’’
उन्होंने गांधी पर संविधान के अनुच्छेद 105 का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जो सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा के भीतर की गई उनकी टिप्पणियों के लिए विशेषाधिकार प्रदान करता है।
दुबे ने आरोप लगाया कि गांधी पूरी तरह गलत और काल्पनिक धारणा बनाकर संसद का दुरुपयोग कर रहे हैं कि एक सांसद के रूप में उन्हें सदन में अपनी मर्जी से बोलने का विशेषाधिकार है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता को लगता है कि पीठासीन अधिकारी या सदन के नेता या सत्ता पक्ष को भी उनके व्यवहार को अनुशासित करने का कोई अधिकार नहीं है।
केंद्रीय मंत्रियों सहित कई भाजपा सांसदों ने गांधी के भाषण के दौरान विरोध जताया था और उन पर ‘निराधार आरोप’ लगाने का आरोप लगाया था।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)