भाजपा ने 26 जून के जीटीए चुनाव का विरोध किया, जीजेएम प्रमुख करेंगे उपवास |

भाजपा ने 26 जून के जीटीए चुनाव का विरोध किया, जीजेएम प्रमुख करेंगे उपवास

भाजपा ने 26 जून के जीटीए चुनाव का विरोध किया, जीजेएम प्रमुख करेंगे उपवास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : May 25, 2022/12:25 am IST

कोलकाता, 24 मई (भाषा) दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र प्रशासन के लिए एक स्वायत्त निकाय गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के चुनाव 26 जून को कराये जाने के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा घोषणा किये जाने के कुछ घंटे बाद जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग ने मंगलवार को कहा कि वह फैसले का विरोध करने के वास्ते 25 मई से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

जलपाईगुड़ी के संभागीय आयुक्त ए आर बर्धन ने एक सर्वदलीय बैठक के बाद जीटीए चुनाव कराने की घोषणा की। इस बैठक में भाजपा और उसके सहयोगी गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने हिस्सा नहीं लिया, जिसने चुनाव को एक दिखावा बताया।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने बैठक में भाग लिया और सरकार से चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया। 2011 में गठित जीटीए के चुनाव आखिरी बार 2012 में हुए थे। जीटीए सभा में 45 निर्वाचित सदस्य हैं और पांच अन्य राज्यपाल द्वारा नामित हैं।

जीजेएम ने तब सभी 45 सीटें जीतकर जीटीए चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि, अब स्थिति बदल गई है।

गुरुंग ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जीटीए चुनावों को तब तक स्थगित करने का अनुरोध किया था, जब तक कि पार्टी द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों (एमओपी) को पर्वतीय क्षेत्र में में लागू नहीं किया जाता।

गुरुंग ने दार्जिलिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने आज अपनी केंद्रीय समिति की बैठक की। चूंकि जीटीए चुनाव कराने पर सरकार के साथ हमारी राय नहीं है, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि हम इसका विरोध करेंगे। मैं मांगों के लिए दबाव बनाने के लिहाज से कल सुबह 11 बजे से भूख हड़ताल शुरू करूंगा।’’

जीजेएम के सूत्रों के अनुसार, पार्टी द्वारा प्रस्तुत एमओपी में यह शामिल है कि 2011 में जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसका अक्षरश: सम्मान किया जाना चाहिए।

प्रस्तावों में 2011 के दस्तावेज में उल्लिखित सभी विभागों का जीटीए को स्थानांतरण भी शामिल है। उनमें से कुछ को राज्य सरकार द्वारा स्थानांतरित किया जाना बाकी है।

हालांकि, पर्वतीय क्षेत्र में गुरुंग के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने दावा किया कि उनकी भूख हड़ताल सहानुभूति हासिल करने और चुनाव में देरी करने की एक चाल है ताकि वह अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए समय हासिल कर सकें।

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जीजेएम का अधिकांश आधार पर्वतीय क्षेत्र में हमरो पार्टी के पास चला गया है, जिसने हाल ही में दार्जिलिंग नगर निगम चुनाव जीता है।’’

राज्य सरकार ने जलपाईगुड़ी संभागीय आयुक्त को चुनाव प्राधिकार और दार्जिलिंग के जिला मजिस्ट्रेट को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया।

बर्धन ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, ‘‘26 मई को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी। जीटीए के चुनाव 26 जून को होंगे।’’

सूत्रों के मुताबिक मतगणना 29 जून को होगी।

चुनावों का विरोध करते हुए, भाजपा के वरिष्ठ नेता और दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि पार्टी चुनावों का बहिष्कार करेगी क्योंकि जीटीए क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कथित रूप से विफल रही है।

भाषा अमित वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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