जयपुर, नौ दिसंबर (भाषा) राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देशभर में भाजपा का एजेंडा विपक्ष की आवाज को दबाना है। जूली ने कहा कि राजस्थान सरकार लगभग हर मोर्चे पर विफल रही है।
उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था चरमराने तथा लोगों को पेंशन सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलने का आरोप लगाया।
उल्लेखनीय है कि भजनलाल सरकार का पहले दो साल का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है।
जूली ने इस बारे में कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य सरकार में ब्यूरोक्रेसी में दो ध्रुव बने हुए हैं और कोई काम जनता का नहीं हो रहा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इनका (भाजपा) एजेंडा पूरे देश में चल रहा है। यहां भी विधानसभा में इन्होंने मेरा माइक बंद करने की कोशिश की। सदन में हमारे सवालों का ढंग से जवाब नहीं दिलाया जाता। ये तो तय है और सब लोगों के सामने है कि ये विपक्ष की आवाज दबाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ये सही है कि यह सरकार, विपक्ष को न ‘स्पेस’ दे रही है, न सम्मान देना चाहती … न अधिकार देना चाहती। समय-समय पर इनकी कोशिश रहती है की विपक्ष को सुना ही नहीं जाए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान के हालिया राजनीतिक इतिहास में मौजूदा भाजपा सरकार पहली ऐसी सरकार बन गई है जो सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा से बच रही है।
राजस्थान में भाजपा सरकार 15 दिसंबर को अपने दो साल पूरे कर रही है।
जूली ने आरोप लगाया कि विपक्ष के विधायकों को सरकारी कार्यक्रमों से हमेशा अलग रखा जाने लगा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘ उद्घाटन-शिलान्यास कार्यक्रमों में हमारे विधायकों के नाम नहीं होते। उन्हें बुलाया नहीं जाता। दूसरी तरफ इनके मंत्रियों के-विधायकों के बेटे उद्घाटन कर रहे हैं। उनके नाम होते हैं और उनके हारे हुए प्रत्याशियों के नाम का जिक्र होता है, लेकिन विधायकों के नाम का जिक्र नहीं होता।’’
जूली ने कहा, ‘‘कई जगह से मेरे पास शिकायत आती है कि बैठक में प्रभारी मंत्री जब जाते हैं तो हमारे विधायकों को नहीं बुलाया जाता। भाजपा का कोई भी पदाधिकारी हो वो बिना नियम के बैठकों में बैठता है। इस प्रकार की तानाशाही यहां भी हो रही है जो नहीं होनी चाहिए।’’
उन्होंने राज्य सरकार पर फैसले लेने के लिए केंद्र पर निर्भर रहने का आरोप लगाया। जूली ने आरोप लगाया, ‘मंत्रियों में तो बिखराव है ही, मुख्यमंत्री के पास भी कमान नहीं है। मुख्यमंत्री को बार-बार छोटे-छोटे निर्णयों के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। नौकरशाही के दो ध्रुव बने हुए हैं और काम नहीं हो रहे। कोई नयी योजना नहीं है। कर्जे पर कर्ज चढ़ता जा रहा है। ये हालत राजस्थान की हो चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को अचानक बदल दिया गया, जो इतिहास पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने इसे नौकरशाही और सरकार में गहरे टकराव का संकेत बताया।
उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत का पिछले महीने दिल्ली तबादला कर दिया गया था। नए मुख्य सचिव के पदभार संभालने के कुछ दिन बाद ही नौकरशाही में फेरबदल के तहत तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल का भी तबादला कर दिया गया।
जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा के राज में लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सामाजिक पेंशन में देरी हो रही है, किसानों को समय पर सब्सिडी नहीं मिल रही है और फसल नुकसान का मुआवजा प्रभावित किसानों तक नहीं पहुंचा है। पर्याप्त उर्वरक और बिजली आपूर्ति का संकट है।’’
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में इमारतें गिर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि वह एक साल के अंदर शिक्षा विभाग में सभी खाली पद भर देगी, लेकिन कुछ नहीं किया गया।
उन्होंने गत कांग्रेस सरकार के राज में शुरू की गई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को खत्म करने का आरोप लगाया।
जूली ने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत खराब है। उन्होंने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। कौन सा ऐसा दिन है जब कहीं कोई हत्या नहीं होती…चोरी डकैती नहीं होती…बलात्कार नहीं हो रहे? चारों तरफ ऐसी स्थिति बनी है कि कानून का राज कहीं दिखाई नहीं दे रहा।’’
प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं को रोकने के राज्य सरकार के दावे पर जूली ने कहा कि इसका श्रेय गत कांग्रेस सरकार को जाता है।
जूली ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपराध से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब मुकदमे दर्ज नहीं होते, आंकड़ों को छिपाया जाता है।
कांग्रेस में गुटबाजी के आरोपों को खारिज करते हुए जूली ने कहा, ‘‘हम सब लोग मिलकर, एकजुटता के साथ काम कर रहे हैं। हमारा कोई निजी एजेंडा नहीं है। हमारा कोई स्वार्थ नहीं है। हम लोग पार्टी और राजस्थान के लिए काम कर रहे हैं।’’
भाषा पृथ्वी
संतोष
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