नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर बंबई उच्च न्यायालय के उस प्रशासनिक परिपत्र को चुनौती दी गई है जिसमें कोविड-19 के मामलों में वृद्धि चलते कार्यदिवसों के दौरान काम के घंटे घटाकर दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक करने की बात कही गई है।
बंबई उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लेकर आई है जिसके अनुसार, उच्च न्यायालय 11 जनवरी से 28 जनवरी तक कार्यदिवसों (सोमवार से शुक्रवार तक) में भोजन अवकाश के बिना दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक काम करेगा।
अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर कर 10 जनवरी को जारी परिपत्र को ‘‘अवास्तविक’’ और ‘‘अनुचित’’ करार देते हुए इसे रद्द करने का आग्रह किया है।
याचिका में महाराष्ट्र की सभी अदालतों में डिजिटल सुनवाई का भी आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि काम के घंटे कम होने से वकीलों और वादियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जनहित याचिका में मुंबई, पुणे, रायगढ़, अलीबाग और ठाणे में निचली अदालतों के काम के घंटों को पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे के बीच बदलने के फैसले को भी चुनौती दी गई है, जिसमें बारी-बारी से रोजाना 50 प्रतिशत कर्मचारियों के मौजूद रहने की बात कही गई है।
भाषा नेत्रपाल माधव
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