बोस 70 के दशक में एडवर्ड पार्क गये और अब इंडिया गेट पर स्थापित होगी उनकी प्रतिमा |

बोस 70 के दशक में एडवर्ड पार्क गये और अब इंडिया गेट पर स्थापित होगी उनकी प्रतिमा

बोस 70 के दशक में एडवर्ड पार्क गये और अब इंडिया गेट पर स्थापित होगी उनकी प्रतिमा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : January 23, 2022/9:16 pm IST

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पुरानी दिल्ली में किंग एडवर्ड सप्तम की प्रतिमा की जगह लगाये जाने के करीब 50 साल बाद, अब ‘नेताजी’ की एक भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थित उस नक्काशीदार छतरी के नीचे स्थापित की जायेगी जहां पहले कभी किंग एडवर्ड के बेटे किंग जार्ज पंचम की मूर्ति हुआ करती थी। यह मूर्ति करीब 50 साल पहले हटा ली गई थी ।

अभिलेखीय दस्तावेजों के अनुसार, 1939 में इंडिया गेट के निकट किंग जॉर्ज पंचम की एक भव्य संगमरमर की मूर्ति का अनावरण तत्कालीन वायसराय द्वारा ब्रिटिश सम्राट के स्मारक के रूप में किया गया था, जिनके शासनकाल में देश की नयी राजधानी ‘नई दिल्ली’ बनी थी ।

हालांकि, 1960 के दशक के अंत में इसे (किंग जॉर्ज पंचम) और किंग एडवर्ड सप्तम की प्रतिमाओं को हटा दिया गया और उत्तर पश्चिमी दिल्ली में 1911 के शाही दरबार की जगह पर फेंक दिया गया था, जिसे अब कोरोनेशन पार्क के रूप में जाना जाता है।

इंडिया गेट पर 1968 से खाली पड़ी छतरी के नीचे अब नेताजी की ग्रेनाइट की मूर्ति लगायी जायेगी । आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इसकी स्थापना से भारत अपने इतिहास को फिर से प्राप्त करेगा।

विरासत कार्यकर्ता सोहेल हाशमी ने कहा कि नेताजी की विशाल प्रतिमा उनके आईएनए सहयोगियों के साथ 1975 में पुरानी दिल्ली में सुभाष पार्क में स्थापित की गई थी, जिसे पहले एडवर्ड पार्क कहा जाता था जो जामा मस्जिद के पास है ।

एडवर्ड पार्क में उनकी स्मृति में बने किंग एडवर्ड सप्तम की 60 के दशक के अंत तक एक मूर्ति थी, जिसकी नींव उनके बेटे किंग जॉर्ज पंचम ने 8 दिसंबर, 1911 को रखी थी । प्रतिमा का अनावरण जॉर्ज के बेटे और प्रिंस आफ वेल्स ने 1922 में भारत के शाही दौरे के दौरान किया था ।

बाद में एडवर्ड सप्तम की मूर्ति टोरंटो भेज दी गयी जबकि किंग जॉर्ज पंचम की विशाल संगमरमर की मूर्ति अब भी कोरोनेशन पार्क के एक कोने पर एक चबूतरे पर खड़ी है।

किंग जार्ज पंचम ने अपने निधन तक शासन किया । उनका निधन 1936 में हुआ था। इसके बाद इन स्मारकों का निर्माण किया गया था और ब्रिटिश साम्राज्य के तहत विभिन्न शहरों में प्रतिमाएं खड़ी की गईं, उनमें से सबसे उल्लेखनीय नई दिल्ली है – ये एक देश की प्रशासनिक गद्दी थी जिसे ब्रिटिश साम्राज्य के ‘ज्वेल इन द क्राउन’ का दर्जा हासिल था।

पुस्तकों और पुराने अभिलेखीय रिकॉर्ड के अनुसार ‘जॉर्ज पंचम स्मारक’ का निर्माण अखिल भारतीय युद्ध स्मारक (जिसे अब इंडिया गेट कहा जाता है) के बगल में किए जाने की योजना बनाई गयी थी । नई दिल्ली के मुख्य वास्तुकार सर एडविन लैंडसीर लुटियंस ने छतरी और स्मारक का डिजाइन तैयार किया था ।

1865 में लंदन में जन्मे, किंग जॉर्ज पंचम का 1910 में एक राजा के रूप में राज्याभिषेक किया गया था, और अगले वर्ष, उन्होंने अपनी पत्नी महारानी मैरी के साथ 1911 के प्रसिद्ध दिल्ली दरबार में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की, जहाँ उन्होंने राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की भी घोषणा की थी।

छतरी में अब स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी जिसे उनके प्रति भारत के‘‘आभार’ के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाएगा।

जब तक ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उस स्थान पर मौजूद रहेगी।

भाषा रंजन नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)