ब्रिक्स राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र को और प्रभावी बनाने के लिये इसमें व्यापक सुधार की अपील की |

ब्रिक्स राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र को और प्रभावी बनाने के लिये इसमें व्यापक सुधार की अपील की

ब्रिक्स राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र को और प्रभावी बनाने के लिये इसमें व्यापक सुधार की अपील की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : June 23, 2022/11:07 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित ब्रिक्स देशों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इसे अधिक प्रतिनिधिक, प्रभावी और कार्य-कुशल वाला बनाया जा सके।

ब्रिक्स देशों के डिजिटल वार्षिक शिखर सम्मेलन की बीजिंग घोषणा के अनुसार, चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका की स्थिति और भूमिका के महत्व को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने की उनकी आकांक्षाओं का समर्थन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष नेताओं के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन में भाग लिया। शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस वर्ष ब्रिक्स के अध्यक्ष के तौर पर चीन कर रहा है।

ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका- को एक मंच पर लाता है। इन देशों की वैश्विक आबादी में 41 प्रतिशत, वैश्विक जीडीपी में 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

ब्रिक्स देशों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के आधार पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक उज्ज्वल साझा भविष्य के निर्माण के उद्देश्य से सभी के लिए लोकतंत्र, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के प्रचार और संरक्षण को सुनिश्चित करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

घोषणा में कहा गया है, “हम अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के माध्यम से बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। इसमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में इसकी अनिवार्य आधारशिला के रूप में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों तथा एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका शामिल है, जिसमें संप्रभु राष्ट्र, शांति और सुरक्षा, सतत विकास को आगे बढ़ाने, लोकतंत्र को बढ़ावा देने और इसका संरक्षण करने, मानवाधिकार और सभी के लिए मौलिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए सहयोग करते हैं।”

साथ ही, आपसी सम्मान, न्याय और समानता की भावना के आधार पर सहयोग को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया गया।

ब्रिक्स देशों के नेताओं ने संज्ञान लिया कि बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और इसमें सुधार लाने के कार्य में वैश्विक शासन के संस्थाओं को अधिक समावेशी, प्रतिनिधिक और भागीदारी बनाना शामिल है ताकि निर्णय लेने की वैश्विक प्रक्रियाओं और संरचनाओं में विकासशील और कम विकसित देशों, विशेष रूप से अफ्रीका में, की ज्यादा व अर्थपूर्ण सहभागिता को आसान बनाया जा सके और उसे समकालीन वास्तविकताओं के साथ बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके।

नेताओं ने घोषणा में कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 75/1 को याद करते हैं और संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख संस्थाओं में सुधार की अपील दोहराते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर चर्चा में नई जान फूंकने और महासभा को पुनर्जीवित करने व आर्थिक और सामाजिक परिषद को मजबूत करने का कार्य जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

नेताओं ने 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के परिणाम दस्तावेज को याद किया और सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार की आवश्यकता को दोहराया, ताकि इसे अधिक प्रतिनिधिक, प्रभावी और कार्य-कुशल बनाया जा सके और विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया जा सके जिससे कि वह वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से मुकाबला कर सके।

घोषणा में कहा गया कि ब्रिक्स देश क्रमशः 2021-2022 और 2022-2023 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के रूप में भारत और ब्राजील की भूमिका की सराहना करते हैं।

नेताओं ने समानता और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के तहत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने में सभी देशों के सहयोग की आवश्यकता को दोहराया।

घोषणा में कहा गया है, “हम विकास के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों को निष्पक्ष और समान तरीके से, समान स्तर पर व समान प्रभाव के साथ जारी रखने के लिए सहमत हैं।”

उन्होंने कहा, “हम लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सम्मान का आह्वान करते हैं। इस संबंध में, हम इस बात को रेखांकित करते हैं कि उन्हें वैश्विक शासन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए।”

नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक खुली, पारदर्शी, समावेशी, गैर-भेदभावपूर्ण और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए अपने समर्थन की भी पुष्टि की।

भाषा

प्रशांत सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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