बीआरओ ने 65वां स्थापना दिवस मनाया

बीआरओ ने 65वां स्थापना दिवस मनाया

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  • Publish Date - May 7, 2024 / 05:36 PM IST,
    Updated On - May 7, 2024 / 05:36 PM IST

नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मंगलवार को अपना 65वां स्थापना दिवस मनाया।

इस मौके पर रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने सीमा सड़क संगठन से आग्रह किया कि वे परियोजनाओं को तीव्र गति से पूरी करने के लिए नवीनतम तकनीक और प्रौद्योगिकियों को अपनी कार्यप्रणाली में शामिल करें।

उन्होंने कहा कि इससे अधिक कुशलता से कार्य पूर्ण हो सकेगा तथा भविष्य में बीआरओ के लिए स्वचालन और मशीनीकरण महत्वपूर्ण होगा।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि बीआरओ शीघ्र ही 4.10 किलोमीटर लंबी शिंकुन ला सुरंग पर निर्माण कार्य शुरू करेगा।

बयान के मुताबिक, यह सुरंग 15,800 फुट की ऊंचाई पर बनेगी और इसका निर्माण पूर्ण होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग बन जाएगी और चीन में 15,590 फुट की ऊंचाई पर बनी ‘मिला सुरंग’ को पीछे छोड़ देगी।

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा सचिव ने दुर्गम इलाकों और मौसम की विपरीत स्थिति में अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए बीआरओ की सराहना की।

अरमाने ने उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग ढहने और सिक्किम में आई बाढ़ के दौरान राहत और बचाव प्रयासों में बीआरओ के कर्मियों के योगदान का स्मरण किया।

उन्होंने कहा कि बीआरओ ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसके तहत चयनित सीमावर्ती गांवों के व्यापक विकास की परिकल्पना की गई है।

अरमाने ने परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से संपन्न करने के लिए बीआरओ की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया कि संगठन के कर्मयोगी रिकॉर्ड समय में सीमा बुनियादी ढांचे के विकास को जारी रखेंगे

इस अवसर पर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि सीमा सड़क संगठन की अखिल भारतीय उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी और विकास के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को व्यक्त करती है।

उन्होंने कहा कि बीआरओ का आदर्श वाक्य ‘इन द साइलेंस ऑफ आवर ग्रेट माउंटेन्स – वर्क स्पीक्स’ संगठन के समर्पण, दृढ़ता और देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन पर प्रभाव को दर्शाता है।

अरमाने ने सेला सुरंग पर एक सार-संग्रह के साथ-साथ ‘ऊंची सड़कें’, ‘पथ प्रदर्शक’ और ‘पथ विकास’ सहित कुछ पुस्तकों का अनावरण भी किया।

उन्होंने बीआरओ के कर्मियों को 2023-24 के लिए सम्मानित भी किया।

सीमा सड़क संगठन की स्थापना 1960 में हुई थी। उस समय संगठन के पास केवल दो परियोजनाएं – पूर्व में प्रोजेक्ट टस्कर (अब वर्तक) और उत्तर में प्रोजेक्ट बीकन थीं। आज इस संगठन का 11 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विस्तार हो चुका है और इस समय सीमा सड़क संगठन 18 परियोजनाओं पर कार्य करने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन बन गया है।

बयान के मुताबिक, संगठन मुख्य रूप से सशस्त्र बलों की रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर 9,000 फुट से 19,000 फुट तक की ऊंचाई पर सड़क निर्माण और रखरखाव करता है।

बयान में कहा गया है कि छह दशकों से अधिक समय में इसने भारत की सीमाओं के साथ-साथ भूटान, म्यांमा, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान सहित मित्र देशों में प्रतिकूल जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में 62,214 किलोमीटर से अधिक की सड़कों, 1,005 पुलों, सात सुरंगों और 21 हवाई क्षेत्रों (एयरफिल्ड) का निर्माण किया है।

भाषा नोमान मनीषा

मनीषा