कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता, सॉल्ट लेक में बार, रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को रद्द किया

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता, सॉल्ट लेक में बार, रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को रद्द किया

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  • Publish Date - January 24, 2023 / 09:03 PM IST,
    Updated On - January 24, 2023 / 09:03 PM IST

कोलकाता, 24 जनवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कोलकाता और उससे सटे बिधाननगर (सॉल्ट लेक) में बार और रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल पर निकाय अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया।

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने उच्च न्यायालय का रुख किया और दावा किया कि दोनों शहरों में इस तरह के रेस्तरां और बार ने केंद्र सरकार के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विज्ञापन और विनियमन का निषेध) अधिनियम, 2003 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है।’’

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाया है इसलिए किसी भी नियम के अभाव में कोलकाता और बिधाननगर के नगर निगम वैध लाइसेंस वाले बार और रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल के खिलाफ आदेश पारित नहीं कर सकते हैं।

अदालत ने कहा कि रेस्तरां और बार को वहां हुक्के के इस्तेमाल के लिए अलग से ट्रेड लाइसेंस की जरूरत नहीं है।

अदालत ने कहा, ‘‘उपरोक्त के विपरीत कोलकाता नगर निगम या बिधाननगर नगर निगम द्वारा जारी कोई भी निर्देश अवैध और कानून की दृष्टि से उचित नहीं है।’’

न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि हालांकि इन प्रतिष्ठानों को सीओटीपी अधिनियम 2003 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश