चेन्नई, 22 जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ए जी पोन मनिकवेल के खिलाफ आरोपों को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच का आदेश दिया। मनिकवेल तमिलनाडु में पुलिस महानिरीक्षक रह चुके हैं।
‘मूर्ति शाखा’ से जुड़े एक सेवानिवृत्त निरीक्षक कादेर बाचा की एक आपराधिक याचिका में मनिकवेल के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। याचिका में अनुरोध किया गया था कि इस मामले को राज्य के सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित किया जाए।
न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने आरोपों की गंभीरता पर विचार किया और आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए। न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
अपराध के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और दो पुलिस अधिकारियों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए आरोपों को देखते हुए अदालत ने यह फैसला लिया। दोनों अधिकारी मूर्ति चोरी के मामले से जुड़े हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई सच्चाई का पता लगाने और प्राचीन मूर्तियों की बरामदगी के लिए जांच करेगी, जो अभी भी मुख्य आरोपी के कथित नियंत्रण में हैं। न्यायाधीश ने पाया कि सुभाष चंद्र कपूर के बारे में जून, 2019 में मनिकवेल द्वारा दी गई कथित राय के मद्देनजर उसके खिलाफ जांच रुक गई थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मूर्ति चोरी के मामलों के मुख्य आरोपी दीनदयालन की मिलीभगत से आरोपी मनिकवेल, तत्कालीन विशेष अधिकारी और एसआईटी (मूर्ति शाखा) प्रमुख ने उनके (याचिकाकर्ता) जैसे अधिकारियों पर झूठे मामले थोपना शुरू कर दिये, ताकि प्रतिशोध ले सकें।
भाषा संतोष नरेश
नरेश
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