सीबीआई ने जय अनमोल अंबानी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया

सीबीआई ने जय अनमोल अंबानी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया

सीबीआई ने जय अनमोल अंबानी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया
Modified Date: December 9, 2025 / 08:26 pm IST
Published Date: December 9, 2025 8:26 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीए) समूह की कंपनियों ‘रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड’ (आरएचएफएल) और ‘रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड’ के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज कीं, जिनमें से एक में जय अनमोल अनिल अंबानी को नामजद किया गया है और 14,852 करोड़ रुपये की कथित ऋण चूक को जांच के दायरे में लाया गया है।

उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अनिल अंबानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, सीबीआई की टीम ने मुंबई के कफ परेड में अनिल अंबानी के घर ‘सी विंड’ इमारत की सातवीं मंजिल पर स्थित उनके आवास की तलाशी ली।

सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 228 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में ‘रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड’ (आरएचएफएल) के तत्कालीन निदेशक जय अनमोल अंबानी और पूर्व सीईओ रवींद्र शरद सुधाकर को नामजद किया है।

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एक अलग मामले में, सीबीआई ने ‘रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड’ (आरसीएफएल) और उसके पूर्व निदेशकों पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 57 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इस मामले में जय अनमोल का नाम नहीं है।

सीबीआई ने मंगलवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र मामले में आरसीएफएल के परिसरों और इसके पूर्व निदेशक देवांग मोदी के पुणे स्थित आवास पर भी छापेमारी की।

सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरएचएफएल ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत 18 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 5572.35 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जबकि आरसीएफएल ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत 31 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 9,280 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपी कंपनियों द्वारा सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोपों की गहन जांच की जाएगी।’’

उन्होंने बताया कि जय अनमोल के खिलाफ मामले में, सीबीआई ने पूर्ववर्ती आंध्रा बैंक (जिसका 2020 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो गया) की शिकायत पर कार्रवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरएचएफएल ने बैंक से लिए गए ऋण का भुगतान नहीं किया, जिससे खाता 2019 में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति में बदल गया।

अंबानी के प्रवक्ता से इस मामले में प्रतिक्रिया जानने के लिए पूछे गए सवालों पर कोई जवाब नहीं मिला।

सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘जांच एजेंसी ने मुंबई में सीबीआई मामलों की विशेष न्यायाधीश की अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किया और ‘रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड’ के दो आधिकारिक परिसरों, ‘रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड’ के तत्कालीन निदेशक अनिल अंबानी के पुत्र जय अनमोल अंबानी के आवासीय परिसर और आरएचएफएल के पूर्व सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक रवींद्र सुधाकर के आवासीय परिसरों में मंगलवार को तलाशी शुरू की।’’

यह मामला कंपनी द्वारा 2015 में व्यावसायिक जरूरतों के लिए आंध्रा बैंक की मुंबई स्थित एससीएफ शाखा से प्राप्त 450 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाओं से संबंधित है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है और इसमें कहा गया है कि कंपनी बैंक को किश्तों का भुगतान करने में विफल रही और इसलिए, उक्त खाते को 30 सितंबर, 2019 को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया।

उन्होंने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) द्वारा एक अप्रैल, 2016 से 30 जून, 2019 तक की समीक्षा अवधि के लिए खातों की फॉरेंसिक जांच की गई, जिससे पता चला कि उधार ली गई धनराशि गलत तरीके से दूसरे काम में लगाई गई।

जीटी ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा वितरित 12000 करोड़ रुपये की जांच की, जिसमें पता चला कि 86 प्रतिशत धनराशि संभावित रूप से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी संस्थाओं (पीआईएलई) को गई।

रिपोर्ट में आरएचएफएल द्वारा दिए गए 8842.87 करोड़ रुपये के खुले ऋणों के अंतिम उपयोग का मानचित्रण किया गया, जिसमें दिखाया गया कि कुल 3,573.06 करोड़ रुपये की निधि का 40 प्रतिशत हिस्सा पीआईएलई/समूह कंपनियों के सावधि ऋण के मद में भुगतान में किया गया।

बैंक ने आरोप लगाया, ‘‘आरोपी व्यक्तियों ने उधारकर्ता कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों/निदेशकों की हैसियत से खातों में हेराफेरी और आपराधिक विश्वासघात के माध्यम से धन का दुरुपयोग किया तथा जिस उद्देश्य के लिए वित्त प्रदान किया गया था, उसके अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए धन का दुरुपयोग किया।’’

भाषा

देवेंद्र धीरज

धीरज


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