अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए सीबीआई : न्यायालय |

अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए सीबीआई : न्यायालय

अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए सीबीआई : न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : July 31, 2021/4:42 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि याचिकाएं दायर करने में कोई विलंब न हो और इसके समुचित पर्यवेक्षण के लिये सूचना-प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी तंत्र अपनाया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जून 2019 के एक आदेश के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा याचिका दायर करने में 647 दिन की देरी पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा इस बारे में दिया गया स्पष्टीकरण “साफ तौर पर अपर्याप्त” है। भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपियों की रिहाई के खिलाफ याचिका दायर करने में देरी के लिए सीबीआई द्वारा बताए गए आधार को न्यायालय ने खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की एक पीठ ने पिछले हफ्ते अपने आदेश में कहा, “सीबीआई को यह निर्देश दिया जाता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि इस तरह का विलंब भविष्य में न हो। निर्धारित अवधि की सीमा में अपील दायर करने में संबंधित अधिकारी की तरफ से की गई देरी विलंब के कारणों के बारे में गंभीर संदेह पैदा करने के लिये जिम्मेदार है।”

न्यायालय ने कहा कि यह कहना कि कोविड महामारी के शुरू हो जाने के कारण याचिका दायर करने में विलंब हुआ, विलंब की कुल अवधि को लेकर न्यायोचित नहीं है क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपना फैसला जून 2019 में सुना दिया था जबकि महामारी मार्च 2020 में शुरू हुई।

पीठ ने कहा कि अदालत को यह निर्धारित करने में स्पष्टीकरण की प्रकृति का उचित ध्यान रखना चाहिए कि क्या विशेष अनुमति याचिका दायर करने में हुई देरी को स्वीकार करने का मामला बनता है।

विलंब के आधार पर याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, “हम, इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिये सीबीआई द्वारा आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए जाएं कि याचिकाओं को दायर करने और कानून में जरूरी अन्य कदमों की उचित निगरानी और ऐसा करने में आईसीटी (सूचना व संचार प्रौद्योगिकी) मंचों को वरीयता दी जाए जिससे इस तरह का विलंब न हो।”

पीठ उच्च न्यायालय के एक फैसले को सीबीआई द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को बरी कर दिया था।

भाषा प्रशांत नीरज

नीरज

 

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