प्रमोशन में आरक्षण,सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा-हजार साल से संघर्ष कर रहे SC/ST,आज भी अत्याचार

प्रमोशन में आरक्षण,सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा-हजार साल से संघर्ष कर रहे SC/ST,आज भी अत्याचार

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  • Publish Date - August 3, 2018 / 03:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों में SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ को बताया कि 2006 में नागराज मामले में आया फैसला ऐसे कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने में बाधा डाल रहा है। इसलिए इस फैसले पर फिर से विचार की ज़रूरत है।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस फैसले में आरक्षण दिए जाने के लिए दी गई शर्तों पर हर केस के लिए अमल करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा कि 2006 के इस फैसले में कहा गया था कि प्रमोशन में रिजर्वेशन देने से पहले ये साबित करना होगा कि सेवा में SC/ST का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके लिए आंकड़े देने होंगे।

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सुनवाई में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एससी/एसटी  समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा रहा है और उनमें पिछड़ेपन को साबित करने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1000 साल से एससी/एसटी जो भुगत रहे हैं, उसे संतुलित करने के लिए SC/ST को आरक्षण दिया है। ये लोग आज भी उत्पीड़न के शिकार हो रहे है। मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।

वेब डेस्क, IBC24