केंद्र ने आपदा संबंधित उपायों के लिए 170 करोड़ रुपये की मंजूरी दी : खांडू

केंद्र ने आपदा संबंधित उपायों के लिए 170 करोड़ रुपये की मंजूरी दी : खांडू

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  • Publish Date - March 1, 2021 / 01:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

ईटानगर, एक मार्च (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने आपदा संबंधी उपायों और बाढ़ के मद्देनजर पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 170 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।

खांडू ने विधानसभा में वरिष्ठ भाजपा सदस्य केंटो रीना के एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य के वित्त विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को धनराशि जारी कर दी है।

कुल राशि में से 70 करोड़ रुपये राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तहत और 100 करोड़ रुपये राज्य आपदा मोचन बल के तहत स्वीकृत किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य वांगलिन लोवांगदोंग के एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार अशांत तिराप जिले में प्रस्तावित पर्यटन सर्किट को जल्दी मंजूरी दिए जाने का केंद्र से अनुरोध करेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए कुछ साल पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को पत्र लिखा था और इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह मामला गृह मंत्रालय के पास लंबित है क्योंकि उस समय जिले की सुरक्षा स्थिति अनुकूल नहीं थी। मैं जल्द ही एक बैठक बुलाऊंगा और इस साल के भीतर पर्यटन सर्किट को जल्दी मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को एक नया प्रस्ताव भेजूंगा।’

उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्वी हिस्से के दो अन्य अशांत जिले- चांगलांग और लोंगडिंग को भी पर्यटन सर्किट में शामिल किए जाने की आवश्यकता है, ताकि उनका भी राज्य के अन्य हिस्सों के समान विकास हो सके।

पर्यटन मंत्री नकप नालो ने कहा कि राज्य के कई जिलों में पर्यटन सर्किट खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार संरक्षित क्षेत्र परमिट (पीएपी) और प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आरएपी) सहित सभी मुद्दों का समाधान कर राज्य में और अधिक पर्यटक सर्किट खोलने के लिए केंद्र के साथ विचार विमर्श कर रही है।

नालो ने कहा कि राज्य में पर्यटक सर्किट को मंजूरी देने के लिए केंद्र मापदंडों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन सर्किट को मंजूरी देना केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसके लिए गृह मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होती है।

भाषा

अविनाश उमा

उमा