नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) केंद्र ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने की खातिर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया है और जीओएम की बैठक पहली बार बृहस्पतिवार को हुई। यह जानकारी सूत्रों ने दी।
उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह कदम उठाया गया है।
शिक्षा मंत्री और भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जीओएम के सदस्य हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्तार अब्बास नकवी, अर्जुन मुंडा, किरण रीजीजू और वीरेंद्र कुमार भी समिति में शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि जीओएम की पहली बैठक बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई।
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी जीओएम की सदस्य हैं, लेकिन कुछ व्यस्तताओं के चलते वे बैठक में शामिल नहीं हो सके।
उन्होंने बताया कि एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर उन्होंने विस्तार से बातचीत की और उन्हें लागू करने के तरीकों में सुधार तथा उनकी प्रभाविता पर भी चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि जीओएम का उद्देश्य है कि पिछड़े वर्गों एवं अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण एवं समृद्धि के लिए काम करें।
जीओएम का महत्व इसलिए है कि इसमें शीर्ष केंद्रीय मंत्री शामिल हैं और इसका गठन उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हुआ है।
भाषा नीरज नीरज पवनेश
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