केंद्र को पेट्रोल, डीजल की कीमतें कम करने के लिए उपकर हटाना चाहिए: केरल वित्त मंत्री |

केंद्र को पेट्रोल, डीजल की कीमतें कम करने के लिए उपकर हटाना चाहिए: केरल वित्त मंत्री

केंद्र को पेट्रोल, डीजल की कीमतें कम करने के लिए उपकर हटाना चाहिए: केरल वित्त मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : October 13, 2021/7:01 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 13 अक्टूबर (भाषा) केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने बुधवार को कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत शामिल करने से ईंधन की कीमतों को कम करने में मदद नहीं मिलेगी और कीमतें तभी नीचे आएंगी जब केंद्र पेट्रोल और डीजल पर उपकर को हटा देगा।

इस दावे को नकारने के लिए कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने से ईंधन की कीमतों में कमी आएगी, मंत्री ने गैस की बढ़ती कीमतों का हवाला दिया, जो पहले से ही जीएसटी के तहत है।

आज राज्य विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तिरुवनचूर राधाकृष्णन द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए, बालगोपाल ने 2014 में केंद्र सरकार के उस फैसले को दोषी ठहराया जिसने तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमत निर्धारित करने की अनुमति दी।

उनकी टिप्पणी पेट्रोल और डीजल की कीमतों के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने की पृष्ठभूमि में आयी है।

बालगोपाल ने कहा कि 2016 में जब एलडीएफ सरकार सत्ता में आयी तो पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर क्रमश: 31.80 फीसदी और 24.52 फीसदी था।

मंत्री ने कहा कि 2018 में, सरकार ने उन पर उस कर को घटाकर क्रमशः 30.8 प्रतिशत और 22.76 प्रतिशत कर दिया। तब से, करों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर उपकर बढ़ा दिया है, जो उनकी कीमतों में वृद्धि का कारण है। मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र उपकर को हटाने का फैसला करता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए केंद्र के उपकर में क्रमशः 247.41 प्रतिशत और 792 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘उपकर से आय राज्य सरकार के साथ साझा नहीं की जाती है। इसलिए, यदि केंद्र ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बोझ को कम करने में मदद करना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त उपकर से होने वाले राजस्व को छोड़ देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि 2017 में गैस की कीमत 524 रुपये थी और अब यह 910 रुपये हो गई है।

बालगोपाल ने कहा कि यह तर्क सही नहीं है कि ईंधन को जीएसटी के तहत शामिल करने से इसकी कीमत कम हो जाएगी।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

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