ऊर्जा, कृषि क्षेत्र के निजीकरण के केंद्र के प्रयास किसानों के लिए विनाशकारी होंगे : केटी रामा राव |

ऊर्जा, कृषि क्षेत्र के निजीकरण के केंद्र के प्रयास किसानों के लिए विनाशकारी होंगे : केटी रामा राव

ऊर्जा, कृषि क्षेत्र के निजीकरण के केंद्र के प्रयास किसानों के लिए विनाशकारी होंगे : केटी रामा राव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : September 23, 2022/10:12 am IST

हैदराबाद, 23 सितंबर (भाषा) तेलंगाना के प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामा राव ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ऊर्जा और कृषि के निजीकरण का प्रयास कर रही है, जिसके किसानों तथा अन्य पर विनाशकारी प्रभाव होंगे।

राव ने बृहस्पतिवार को सिरीसिला में संवाददाताओं से कहा, “अगर केंद्र सरकार की ओर से पेश बिजली (संशोधन) विधेयक कानून बन जाता है तो किसानों को निशुल्क बिजली मिलनी बंद हो जाएगी। इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों, मुर्गी पालन से जुड़े लोगों, बुनकरों और अन्य को मिलने वाली रियायतें भी समाप्त हो जाएंगी।”

राव ने कृषि और बिजली क्षेत्र में सुधार के नाम पर उठाए जा रहे इन कदमों को लेकर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के विरोध को दोहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना ऐसा राज्य है, जहां किसान उपज के लिए बिजली पर निर्भर हैं। राज्य के पास 26 लाख पंप सेट हैं। अगर निशुल्क बिजली नहीं उपलब्ध कराई गई तो किसानों का क्या होगा।’’

तेलंगाना में 1.35 करोड़ एकड़ में फसलें उगाई जाती हैं। इसके अलावा, 2015 से अब तक 50 लाख एकड़ अतिरिक्त भूमि पर खेती की गई है। उन्होंने कहा कि यह रायथु बंधु, रायथु भीमा जैसी योजनाओं और सिंचाई क्षेत्र को मजबूत करने के कारण संभव हुआ है।

राव ने कहा, ‘‘तेलंगाना में जहां खेती का दायरा बढ़ा है, वहीं केंद्र सरकार के निर्णय हमारे किसानों में निराशा पैदा कर रहे हैं… केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हमसे टूटे चावल खाने की आदत डालने के लिए कहकर हमारा मखौल उड़ाया है।’’

भाषा

शोभना पारुल

पारुल

 

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