केंद्रीय प्रतिनियुक्ति नियमों में बदलाव से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा: ममता ने मोदी से कहा

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति नियमों में बदलाव से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा: ममता ने मोदी से कहा

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  • Publish Date - January 18, 2022 / 08:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

कोलकाता, 18 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव पर ‘‘कड़ी आपत्ति’’ व्यक्त करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया। बनर्जी ने दावा किया कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिये नियमों में बदलाव करने से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा।

बनर्जी ने दो पन्ने के पत्र में आरोप लगाया कि प्रस्तावित संशोधन ‘‘सहकारी संघवाद की भावना’’ के खिलाफ है।

बनर्जी ने मंगलवार शाम को मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं कैडर नियमों में इस तरह के संशोधन का प्रस्ताव करने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त करती हूं, जो एकतरफा रूप से राज्य सरकार के लिये प्रतिनियुक्ति के वास्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत निर्धारित संख्या में अधिकारियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य करता है।’’

केंद्र ने आईएएस कैडर (नियम) में संशोधन के अपने प्रस्ताव में हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आईएएस अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है।

बनर्जी ने लिखा, ‘‘प्रस्तावित संशोधन न केवल सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है, बल्कि आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना के मामले में केंद्र और राज्यों के बीच मौजूदा सौहार्दपूर्ण समझौते को भी प्रभावित करता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के माध्यम से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह न केवल राज्यों के प्रशासन को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्यों के प्रशासन का आकलन और योजना बनाना भी असंभव हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे इस बात पर विचार करने के लिए अनुरोध करती हूं कि मौजूदा ढांचे में डिजाइन किए गए संवाद और परामर्श की पारस्परिक भावना को एकपक्षीयता से प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि प्रस्तावित संशोधन को वापस लेकर या लागू नहीं करके कैडर नियमों की संघीय भावना को बरकरार रखें।’’

भाषा अमित दिलीप

दिलीप