छावला सामूहिक बलात्कार-हत्या मामला:युवती के पिता ने न्यायालय से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया |

छावला सामूहिक बलात्कार-हत्या मामला:युवती के पिता ने न्यायालय से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया

छावला सामूहिक बलात्कार-हत्या मामला:युवती के पिता ने न्यायालय से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया

:   Modified Date:  December 5, 2022 / 09:36 PM IST, Published Date : December 5, 2022/9:36 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई 19 वर्षीय युवती के पिता ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर (शीर्ष न्यायालय के) सात नवंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, जिसमें तीन व्यक्तियों को बरी कर दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि इन तीन व्यक्तियों को पूर्व में मौत की सजा सुनाई गई थी।

शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 अगस्त 2014 के आदेश को निरस्त करते हुए इन तीन व्यक्तियों को बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा उन्हें सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।

पुनर्विचार याचिका में कहा गया है, ‘‘अनुरोधपूर्वक यह दलील दी जाती है कि इस न्यायालय ने यह निर्णय करने में त्रुटि की है कि मामला पूरी तरह से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर निर्भर है, अभियोजन परिस्थतियों को संदेह से परे साबित करने में और आरोपियों की पहचान, आरोपियों की गिरफ्तारी से जुड़ी परिस्थितियों और अपराध में इस्तेमाल की गई कार की जब्ती साबित करने में नाकाम रहा।’’

पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि आरोपियों को खुला छोड़ने की अनुमति देने पर मृतका, उसके माता-पिता और समाज के साथ ‘‘घोर अन्याय’’ होगा क्योंकि परिस्थितियां आरोपियों के दोषी होने की ओर इशारा करती हैं।

उल्लेखनीय है कि तीनों व्यक्ति 19 वर्षीय युवती का फरवरी 2012 में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और बर्बरता से हत्या करने के आरोपी थे। युवती का क्षत विक्षत शव उसके अपहरण के तीन दिन बाद मिला था।

निचली अदालत ने मामले को ‘दुर्लभ में दुर्लभतम’ करार देते हुए तीनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

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