एनसीसीएसए बैठक पर आदेशों का पालन करने से इनकार कर रहे हैं मुख्य सचिव: आतिशी

एनसीसीएसए बैठक पर आदेशों का पालन करने से इनकार कर रहे हैं मुख्य सचिव: आतिशी

एनसीसीएसए बैठक पर आदेशों का पालन करने से इनकार कर रहे हैं मुख्य सचिव: आतिशी
Modified Date: August 24, 2023 / 06:29 pm IST
Published Date: August 24, 2023 6:29 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) दिल्ली में आप सरकार और नौकरशाही के बीच खींचतान के एक नए दौर में, मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव ने नवगठित राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठकें आयोजित करने के लिए समन्वय तंत्र के उनके आदेशों का पालन करने से इनकार कर दिया है।

मंत्री के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कहा कि इस तरह के सार्वजनिक बयान सेवा मामलों और सतर्कता मामलों के क्षेत्रों में उनके अधिकार को इंगित करने के प्रयास के रूप में दिए जा रहे हैं, जिसमें उनके (मंत्री के) पास कोई कार्यकारी शक्तियां नहीं हैं।

मुख्य सचिव ने कहा, “आतिशी न तो एनसीसीएसए की सदस्य हैं और न ही एनसीसीएसए के संबंध में जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 में उन्हें कोई भूमिका सौंपी गई है।”

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आतिशी ने दावा किया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एनसीसीएसए के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए 16 अगस्त को एक आदेश जारी किया था जिसे मुख्य सचिव ने मानने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “21 अगस्त को अपने 10 पन्नों के पत्र में मुख्य सचिव ने इस आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एनसीसीएसए का गठन इस साल मई में केंद्र के अध्यादेश के माध्यम से किया गया था और यह सरकार में अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना सहित सेवा मामलों को संभालता है।

आतिशी ने पूछा, “यदि बैठकें आयोजित करने के लिए समन्वय तंत्र नौकरशाही को स्वीकार्य नहीं है, तो एनसीसीएसए कैसे कार्य करेगा?”

उन्होंने कहा कि यह जानने के बावजूद कि एनसीसीएसए “अवैध और असंवैधानिक” है और इसके गठन को अदालत में चुनौती दी है, अरविंद केजरीवाल सरकार ने समन्वय तंत्र स्थापित करने का फैसला किया है ताकि दिल्ली के लोगों से संबंधित काम न रुकें।

उन्होंने कहा, “अगर अधिकारी मंत्रियों के आदेशों का पालन करने से इनकार करते हैं, तो दिल्ली के लोगों के काम में बाधा आएगी और देरी होगी।”

आतिशी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम-2023 कहता है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी मंत्रियों के आदेशों को मानने से इनकार कर सकते हैं।

उन्होंने दावा किया, “यह कहता है कि निर्णय लेने की शक्ति एक अनिर्वाचित एलजी (उपराज्यपाल) और नौकरशाही के पास होगी, न कि निर्वाचित सरकार और उसके मंत्रियों के पास। अधिनियम की धारा 45 कहती है कि यदि कोई अधिकारी चाहे तो मंत्री के आदेश का पालन करने से इनकार कर सकता है।”

उन्होंने सवाल किया कि क्या दिल्ली पर अब नौकरशाहों का शासन होने वाला है?

उन्होंने कहा कि यह तो बस शुरुआत है और आशंका है कि आने वाले दिनों में अधिकारी नए स्कूल खोलने और मुफ्त दवाएं और बिजली मुहैया कराने की चुनी हुई सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करने से इनकार कर सकते हैं।

इससे लोकतंत्र ध्वस्त हो जाएगा और पारदर्शिता खत्म हो जाएगी क्योंकि चुनी हुई सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह होती है।

आतिशी ने पहले कहा था कि “कई बाधाएं” थीं जिसके कारण एनसीसीएसए की बैठकें बाधित हुईं।

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश


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