उत्तर भारत ठंड से ठिठुरा, मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने यातायात को किया प्रभावित |

उत्तर भारत ठंड से ठिठुरा, मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने यातायात को किया प्रभावित

उत्तर भारत ठंड से ठिठुरा, मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने यातायात को किया प्रभावित

:   Modified Date:  January 5, 2024 / 11:29 PM IST, Published Date : January 5, 2024/11:29 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) उत्तर भारत के कई हिस्सों में और देश के कुछ मध्य हिस्से में शुक्रवार को अधिकतम तापमान दो से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाने के कारण ठिठुरन वाली ठंड की स्थिति रही।

गंगा के मैदानी इलाकों और इसके आसपास देश के मध्य तथा पूर्वी हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने से रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित हुआ।

मौसम कार्यालय ने बताया कि हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के कई स्थानों पर ठंड से ‘गंभीर शीत दिवस’ की स्थिति बनी रही जबकि दिल्ली और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ‘शीत दिवस’ की स्थिति रही। इलाकों में धूप न निकलने के कारण अधिकतम तापमान 10 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।

‘शीत दिवस’ तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाने और अधिकतम तापमान के मौसम के सामान्य तापमान से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाने के बाद होता है। वहीं, अधिकतम तापमान के 6.5 डिग्री सेल्सियस और इससे अधिक नीचे गिर जाने के बाद ‘गंभीर शीत दिवस’ होता है।

दिल्ली के प्रारंभिक मौसम केंद्र, सफदरजंग वेधशाला ने अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से पांच डिग्री कम है।

हरियाणा के अंबाला में अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 7.5 डिग्री कम है। पंजाब के पटियाला में तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के औसत से 7.5 डिग्री सेल्सियस कम है।

राजस्थान के सीकर में तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो इस मौसम के सामान्य से 10 डिग्री नीचे है। वहीं, मध्य प्रदेश के गुना में अधिकतम तापमान 13.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 10 डिग्री कम है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों तक शीत दिवस से लेकर गंभीर शीत दिवस की स्थिति जारी रहने की संभावना है। इसके बाद ठंड कम होनी शुरू हो जाएगी।

एक बयान में कहा गया, ‘अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में घना कोहरा रहेगा और उसके बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आएगी।’

भाषा अभिषेक सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)