कांग्रेस ने एनएससीएन (आईएम) के साथ सरमा की वार्ता में असम हितों के साथ समझौते की आशंका जतायी

कांग्रेस ने एनएससीएन (आईएम) के साथ सरमा की वार्ता में असम हितों के साथ समझौते की आशंका जतायी

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  • Publish Date - September 21, 2021 / 10:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

गुवाहाटी, 21 सितंबर (भाषा) असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने मंगलवार को कहा कि नगालैंड के मुद्दे पर एनएससीएन (आईएम) के साथ मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की बातचीत को उनकी पार्टी ‘संदेह और अविश्वास’ की दृष्टि से देखती है और कांग्रेस को डर है कि लंबे समय के लिए असम के हितों के साथ समझौता किया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से असम के मुख्यमंत्री को एनएससीएन (आईएम) के साथ वार्ता करने के लिए नियुक्त किया है।

बोरा ने कहा, ”सवाल यह उठता है कि वह एनएससीएन (आईएम) के साथ किस हैसियत से बात करेंगे… मुख्यमंत्री के तौर पर क्या वह बिना विधानसभा और मंत्रिमंडल को विश्वास में लिए बातचीत कर सकते हैं? एनएससीएन (आईएम) को ‘ग्रेटर नगालिम’ के समर्थक के रूप में जाना जाता है और जहां तक हमें पता है इसमें असम के हिस्से भी शामिल हैं।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस असम के किसी भी क्षेत्र को स्थानांतरित करने के विरोध में है। बोरा ने कहा, ”क्या असम के लोग असम के हितों की रक्षा के लिए सरमा पर विश्वास कर सकते हैं जबकि वह हाल में मिजोरम-असम सीमा मुद्दे में मामले में नाकामयाब रहे थे… क्या एनएससीएन (आईएम) के साथ बातचीत में असम के हितों की रक्षा के लिए उन पर विश्वास किया जा सकता है जबकि वह भाजपा आलाकमान के इशारों पर काम कर रहे हैं।”

बोरा ने कहा कि ऐसी खबरें भी हैं कि नगालैंड और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों को भी सरमा के साथ एनएससीएन (आईएम) से बातचीत में हिस्सा लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने ‘ग्रेटर नगालिम’ के मुद्दे पर मतभेद के चलते बातचीत में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है।

भाषा यश पवनेश

पवनेश