अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की वर्षगांठ पर कांग्रेस, पीडीपी ने जम्मू में मनाया ‘काला दिवस’

अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की वर्षगांठ पर कांग्रेस, पीडीपी ने जम्मू में मनाया 'काला दिवस'

अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की वर्षगांठ पर कांग्रेस, पीडीपी ने जम्मू में मनाया ‘काला दिवस’
Modified Date: August 5, 2024 / 06:27 pm IST
Published Date: August 5, 2024 6:27 pm IST

जम्मू, पांच अगस्त (भाषा) कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सोमवार को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किये जाने की पांचवीं वर्षगांठ को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया और जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे की बहाली की मांग को लेकर रैलियां कीं।

कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख विकार रसूल वानी ने काले कपड़े पहने हुए थे और एक रैली में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया। कार्यकर्ता काले झंडे लेकर आए थे।

प्रदर्शनकारियों ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे लगाए और जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग की। प्रदर्शनकारी पुलिस द्वारा आगे बढ़ने से रोके जाने के बाद धरने पर बैठ गए।

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वानी ने कहा कि पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे काला दिन बन गया है।

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह वह दिन है जिस दिन हमारे समृद्ध एवं खुशहाल राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया और इसका विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया गया तथा इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। हम इसे काला दिवस के रूप में मना रहे हैं और इस अन्याय के खिलाफ काले कपड़े पहनकर विरोध जता रहे हैं।’

इस बीच पीडीपी ने भी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्तीकरण की पांचवीं वर्षगांठ पर गांधीनगर में एक रैली भी आयोजित की।

पार्टी महासचिव अमरीक सिंह और प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पीडीपी कार्यकर्ताओं ने काले बिल्ले पहने और भाजपा विरोधी नारे लगाते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग की।

पुलिस ने उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण उन्हें कुछ देर के लिए धरना देना पड़ा।

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान वानी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस आश्वासन की आलोचना की कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त हो जाएगा और उन्होंने सवाल किया कि क्या वास्तव में आतंकवाद का खात्मा हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खात्मे के विपरीत आतंकवादी हिंसा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जम्मू क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों में पचास सैनिक शहीद हुए हैं।’

इस बीच पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और कई अन्य क्षेत्रीय पार्टी नेताओं ने सोमवार को दावा किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्तीकरण की पांचवीं वर्षगांठ पर कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें नजरबंद रखा गया है।

भाषा योगेश रंजन

रंजन


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