नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक कारोबारी को लग्जरी ब्रांड ‘लुई विटॉन’ (एलवी) के नकली उत्पाद बेचने के लिए कंपनी को पांच लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया और कहा कि किसी ब्रांड की नकल करना एक वाणिज्यिक बुराई है जो ब्रांड वैल्यू को कम करती है, भरोसेमंद ग्राहकों से छल-कपट करती है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के तानेबाने पर इसका गंभीर असर होता है।
न्यायमूर्ति सी हरीशंकर ने स्पष्ट किया कि अगर बचावकर्ता चार सप्ताह के भीतर भुगतान नहीं करता है तो उसे तिहाड़ जेल में एक सप्ताह की सजा काटनी होगी।
अदालत ने कहा, ‘‘किसी ब्रांड की नकल करना एक गंभीर मामला है, जिसका असर छोटे दुकान की सीमाओं से कहीं आगे है। यह एक वाणिज्यिक बुरायी है जो ब्रांड वैल्यू को कम करती है, भरोसेमंद ग्राहकों से छल-कपट करती है और दीर्घावधि में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के तानेबाने पर इसका गंभीर असर पड़ता है।’’
‘लुई विटॉन मैलेटियर’ के मुकदमे के बाद उच्च न्यायालय ने सितंबर 2021 में एक अंतरिम आदेश पारित कर कई संस्थओं को ऐसे सामान का उत्पादन, भंडारण, विक्रय करने से रोक दिया था जिन पर ‘लुई विटॉन’ का पंजीकृत ट्रेडमार्क ‘‘एलवी’’ लोगो होता है।
भाषा गोला अर्पणा
अर्पणा
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