आंतकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए देशों को एक साथ आना होगा: नायडू

आंतकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए देशों को एक साथ आना होगा: नायडू

आंतकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए देशों को एक साथ आना होगा: नायडू
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: December 4, 2020 12:25 pm IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र की जनता की समृद्धि और बेहतरी के लिए दक्षेस समूह एक प्रभावी और ऊर्जापूर्ण नेटवर्क हो सकता है, लेकिन इसके लिए सभी देशों को आतंकवाद की मुसीबत को उखाड़ फेंकने के लिए गंभीरतापूर्वक एक साथ आना होगा।

नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल की स्मृति एवं सम्मान में डाक टिकट जारी करने के लिए आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया करना होगा अन्यथा यह दक्षिण एशिया में लोगों के लिए समृद्ध भविष्य बनाने के सभी प्रयासों को निष्फल कर देगा।

उप राष्ट्रपति ने दोहराया कि भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से रहने में और मित्रवत संबंध कायम रखने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, देश को बीते कई वर्षों से विदेशी सरकारों द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का अनवरत सामना करना पड़ रहा है।’’

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उप राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए तथा ऐसे देशों को अलग-थलग करने के अधिक प्रयास करने चाहिए जो आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं तथा ऐसे देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी देशों को गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार जैसे अवरोधकों और गुणवत्तापरक शिक्षा तथा स्वास्थ्यसेवा के आड़े आने वाली बाधाओं को दूर करके, लैंगिक असमानता को खत्म करके तथा जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाकर लोगों के लिए बेहतर और उज्ज्वल भविष्य बनाने के अवसर तैयार करने चाहिए।

नायडू ने कहा कि गुजराल विद्वान एवं मृदुभाषी व्यक्ति थे, वह एक भद्र राजनेता थे जिन्होंने कई चुनौतियों और मुश्किलों के बावजूद अपने मूल्यों के साथ कभी समझौता नहीं किया।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश


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