अदालत ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से अवैध कॉल सेंटर के मामले पर प्राथमिकता से गौर करने को कहा |

अदालत ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से अवैध कॉल सेंटर के मामले पर प्राथमिकता से गौर करने को कहा

अदालत ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से अवैध कॉल सेंटर के मामले पर प्राथमिकता से गौर करने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : November 28, 2022/8:14 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से शहर के औद्योगिक केंद्रों में तेजी से पनप रहे अवैध कॉल सेंटर के मामले को ‘‘प्राथमिकता के आधार’’ पर देखने का अनुरोध किया क्योंकि इनसे देश की बदनामी हो रही है।

अदालत आरोपी कपिल तनेजा की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जो ओखला फेज-1 में एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था और अमेरिका के लोगों से ठगी कर रहा था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी और 12 टेलीकॉलर्स की उसकी टीम ने 1.56 लाख डॉलर (लगभग 1.25 करोड़ रुपये) से अधिक की धोखाधड़ी की और संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) पीड़ितों से पूछताछ कर रहा है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्य मलिक ग्रोवर ने 25 नवंबर के एक आदेश में कहा, ‘‘इसलिए तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में…इस स्तर पर जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता है। अर्जी खारिज की जाती है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध कॉल सेंटर से संबंधित कई मामले सामने आ रहे हैं और ये सेंटर अवैध गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर कॉल सेंटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रहे हैं, और उनकी फर्जी गतिविधियों से न केवल निर्दोष लोगों को आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा होती है, जो अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर देश की बदनामी होती है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि इन अवैध सेंटर पर ‘‘कोई नियंत्रण नहीं’’ है और ज्यादातर मामलों में कॉल सेंटर के मालिकों को गिरफ्तार नहीं किया गया या वे फरार हैं, जिसकी असली वजह जांच अधिकारी ही जानते होंगे। न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया कि आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त को ‘‘प्राथमिकता के आधार पर मामले पर गौर करने के अनुरोध के साथ’’ भेजी जाए।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ विदेशी नागरिकों को यह विश्वास दिलाकर उनसे धन की उगाही या धोखाधड़ी की कि उनके ऑनलाइन अकाउंट को हैक कर लिया गया है और उन्हें धन शोधन तथा बाल अश्लील सामग्री के झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि कुछ पीड़ितों को बाल अश्लील सामग्री डाउनलोड करने में शामिल पाए जाने का डर दिखाया गया। इस तरह के अपराध के लिए अमेरिकी संघीय कानूनों के तहत 20 साल तक की सजा हो सकती है।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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