अदालत ने आकांक्षी शिक्षिका के मामले में देरी के लिए डीएसएसएसबी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

अदालत ने आकांक्षी शिक्षिका के मामले में देरी के लिए डीएसएसएसबी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

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  • Publish Date - May 27, 2022 / 05:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला के मामले को निपटाने में देरी के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। महिला को सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक पद के लिए सफल उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन इस गलत धारणा को लेकर उसके मामले पर विचार करने में देर की गयी कि दो मौके दिए जाने के बावजूद वह जरूरी दस्तावेज नहीं जमा कर सकी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला की कोई गलती नहीं थी लेकिन उसे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) और इस अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य किया गया है। अदालत ने कहा कि महिला को हुए वित्तीय नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति नजमी वजीरी और न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अब तक सेवा से नहीं जुड़ी है, ऐसी स्थिति में पिछले वेतन के भुगतान का निर्देश देने के बदले अदालत याचिकाकर्ता को एक महीने के भीतर 50,000 रुपये का भुगतान करने का डीएसएसएसबी को निर्देश देती है। पीठ ने इसी अवधि के दौरान याचिकाकर्ता को नियुक्ति पत्र भी जारी करने को कहा।

याचिकाकर्ता सहायक शिक्षक (नर्सरी) पद के लिए उम्मीदवार थी और 19 नवंबर, 2019 को संबंधित भर्ती परीक्षा में शामिल हुई थी। उसे 106 अंक हासिल करने पर सफल उम्मीदवार घोषित किया गया था जबकि ‘कट-ऑफ’ अंक 102 था।

याचिका में कहा गया है कि उसे अपनी उम्मीदवारी के लिए आवश्यक दस्तावेज दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन वह निर्धारित समय के भीतर ऐसा नहीं कर सकी, क्योंकि यात्रा के दौरान उसका एक बैग खो गया, जिसमें संबंधित दस्तावेज थे।

महिला ने अपनी याचिका में कहा कि उसने बैग और दस्तावेजों के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और ‘डुप्लीकेट’ दस्तावेज जारी करने के लिए आवेदन किया था और दस्तावेज मिल जाने पर उसने तुरंत ही उसे बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था।

भाषा अविनाश दिलीप

दिलीप