चेन्नई, 15 जनवरी (भाषा) अर्थमूवर मशीनों (क्रेन) और वाहनों की बिक्री एवं सर्विसिंग में शामिल शहर की एक कंपनी ने अपने एक ग्राहक से 1.28 करोड़ रुपये तक का ‘बकाया’ पाने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया है।
यह पाए जाने पर कि दस्तावेज़ को केवल वाद को सीमा अवधि के भीतर लाने के उद्देश्य से ‘तैयार’ किया गया, अदालत ने उस कंपनी पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाकर उसे खारिज कर दिया।
वादी इंजीनियरिंग कंपनी ने अपने निदेशक के माध्यम से प्रतिवादी कंपनी से ‘बकाया राशि’ की वसूली के लिए उच्च न्यायालय में एक दीवानी वाद दायर किया था।
वादी कंपनी 2015 से 24 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित बकाये का भुगतान किये जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने हाल में यह कहते हुए वाद को खारिज कर दिया कि वाद ‘निराशाजनक रूप से समयावधि की समाप्ति” के बाद दायर किया गया है।
न्यायाधीश ने वादी के आचरण और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो प्रतिवादी कंपनी को देना होगा।
भाषा
नेहा दिलीप
दिलीप
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