चेन्नई, 22 अक्टूबर (भाषा) प्रधान सत्र न्यायाधीश ने शहर के एक मजिस्ट्रेट द्वारा लेखक लीना मणिमेकलाई का पासपोर्ट जब्त करने संबंधी आदेश को रद्द कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट किसी नागरिक का पासपोर्ट को जब्त करने के लिए सीआरपीसी की धारा 104 को लागू नहीं कर सकता।
लीना एक लेखक, फिल्मकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
प्रधान सत्र न्यायाधीश आर सेल्वाकुमार ने बुधवार को मणिमेकलाई की पुनरीक्षण याचिका को मंजूर करते हुए सैदापेट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के छह सितंबर के आदेश को रद्द कर दिया।
अपनी पुनरीक्षण याचिका में मणिमेकलाई ने दलील दी कि मजिस्ट्रेट ने फिल्म निर्देशक सुसी गणेशन द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि मामले को फिर से शुरू करके पासपोर्ट जब्त करने का ”त्रुटिपूर्ण” आदेश पारित किया, क्योंकि इस मामले को बहुत पहले बंद कर दिया गया था।
मणिमेकलाई ने दलील दी कि अदालत के पास उसका पासपोर्ट जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है, जिससे उनकी निजी स्वतंत्रता प्रभावित हो। लेखक ने गणेशन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
दलील को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा स्पष्ट रूप से माना गया है कि सीआरपीसी की धारा 104 के तहत अदालत द्वारा पासपोर्ट को जब्त नहीं किया जा सकता।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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