न्यायालय ने ‘गैरजरूरी’ अपील के लिए उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई, दंडात्मक कारवाई की दी चेतावनी |

न्यायालय ने ‘गैरजरूरी’ अपील के लिए उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई, दंडात्मक कारवाई की दी चेतावनी

न्यायालय ने ‘गैरजरूरी’ अपील के लिए उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई, दंडात्मक कारवाई की दी चेतावनी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : October 24, 2021/4:08 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हत्या के प्रयास के दोषी की सजा कम करने को चुनौती देने के लिए ‘गैरजरूरी’ याचिका दायर करने पर उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई है।

न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने रेखांकित किया कि आरोपी के वकील ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष सजा को चुनौती नहीं दी बल्कि सजा कम करने का तर्क दिया और राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने सजा घटाने के अनुरोध का विरोध नहीं किया।

शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार द्वारा मामले में दाखिल याचिका को खारिज करते हुए चेतावनी दी कि अगर राज्य इस अदालत में और गैरजरूरी याचिका दायर करने की कोशिश करता है तो इसकी अनुमति देने वाले जवाबदेह अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

पीठ ने कहा, ‘‘यह देखना परेशान करने वाला है कि ऐसे मामले जहां पर राज्य के वकील ने सजा को कम करने का विरोध तक नहीं किया और उच्च न्यायालय ने तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फैसले में मामूली संशोधन किया, वहां राज्य ने इस अदालत का दरवाजा खटखटाया और बिना न्यायोचित तथ्य दिए विशेष अनुमति याचिका के तौर पर सुनवाई की अनुरोध किया।’’

पीठ ने 20 अक्टूबर को दिए फैसले में कहा, ‘‘मौजूदा याचिका के बारे में यह कहा जा सकता है कि राज्य द्वारा गैरजरूरी वाद दायर किया गया।’’

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत उत्तराखंड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 20 अगस्त 2020 को उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा-307 (हत्या का प्रयास), 34 (समान मंशा) और शस्त्र अधिनियम की धारा-25 के तहत दोषी ठहराने के फैसले को बरकरार रखा था। हालांकि आईपीसी की धारा-307 और 34 के तहत सात साल साज की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने को घटाकर चार साल पांच महीने की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और जुर्माने की राशि भी 15 हजार रुपये कर दी थी।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)