अदालत ने एनसीएससी के समक्ष दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई |

अदालत ने एनसीएससी के समक्ष दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई

अदालत ने एनसीएससी के समक्ष दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : October 11, 2021/6:08 pm IST

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग के एक कर्मचारी की शिकायत पर मुख्य सचिव समेत दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को समन भेजने से संबंधित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के समक्ष एक मामले की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने नोटिस जारी किया और आयोग से कर्मचारी की शिकायत पर संज्ञान लेने के एनसीएससी के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कर्मचारी और यहां एक मोटर ड्राइविंग स्कूल के अध्यक्ष से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा और अगली सुनवाई के लिए अगले वर्ष एक फरवरी की तारीख तय की।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अगली तारीख तक प्रतिवादी संख्या 1 (एनसीएससी) के समक्ष कार्यवाही पर रोक रहेगी।’’ उसने आयोग का पक्ष रख रहे केंद्र सरकार के स्थायी वकील मनीष मोहन से मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा।

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि आयोग ने कर्मचारी की दूसरी याचिका पर विचार किया जिसमें लगभग वैसे ही और बेबुनियाद आरोप हैं।

आरोप है कि आयोग ने इस तथ्य की अनदेखी की कि परिवहन विभाग ने आधिकारिक रिकार्ड के साथ कथित जालसाजी और छेड़छाड़ के अपराध के लिए पिछले साल कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और कर्मचारी की नौ मार्च, 2021 की शिकायत अधिकारियों पर मामले को वापस लेने का दबाव बनाने का प्रयास है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आयोग ने उस शिकायत पर विचार किया है जिसमें अनुसूचित जातियों के खिलाफ किसी भेदभाव की बात नहीं की गयी है बल्कि वह वैयक्तिक शिकायतों से संबंधित है जो या तो अदालत में विचाराधीन हैं या उनका जाति से कोई संबंध नहीं है।

भाषा वैभव अनूप

अनूप

 

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