कोविड बाद की दुनिया में लगातार प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा: न्यायमूर्ति सूर्यकांत |

कोविड बाद की दुनिया में लगातार प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा: न्यायमूर्ति सूर्यकांत

कोविड बाद की दुनिया में लगातार प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा: न्यायमूर्ति सूर्यकांत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : November 24, 2021/8:46 pm IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल उसकी उन्नति का मामला नहीं बल्कि स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी है तथा कोविड-19 के बाद की दुनिया में लोगों को दिन-प्रतिदिन के जीवन में लगातार इस पर निर्भर रहना होगा।

न्यायमूर्ति कांत ने 21 नवंबर को ‘फर्स्ट नेशनल एम एस राठी मेमोरियल मूट कोर्ट कम्पटीशन’ के समापन समारोह में अपने संबोधन में कानून के साथ प्रौद्योगिकी संयोजन की अपरिहार्य आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) के क्षेत्र में विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं भारत लाने के लिए भारतीय विवाद समाधान केंद्र (आईडीआरसी) की भूमिका रेखांकित की।

उन्होंने कहा, ‘‘आईडीआरसी जैसी संस्था के प्रभाव को मसाने लाना भी महत्वपूर्ण है। कोविड-19 के बाद की दुनिया में, हमें अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए अपने दैनिक जीवन में कार्य करने के लिए लगातार प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा। कोविड अकादमी के संदर्भ में … प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल प्रौद्योगिकी उन्नति का मामला नहीं है बल्कि हमारे स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक जरूरत है। यही वह जगह है जहां आईडीआरसी सेवाएं जैसे उसकी ई-एडीआर पोर्टल बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।’’

न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि आईडीआरसी वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए एक आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण देता है और यह कि ई-एडीआर प्लेटफॉर्म देश भर के वादियों को भौतिक स्थान पर आने के लिए लंबी दूरी तय किए बिना एडीआर अवसरों का उपयोग करने का मौका देता है।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

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