नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद विनय विश्वम ने आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के निगमीकरण (कॉर्पोरेटाइजेशन) के फैसले को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नये प्रबंधन की ओर से ‘कामगार विरोधी’ निर्णय लिये जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर विश्वम ने कहा कि ओएफबी के नये प्रबंधन ने कर्मचारियों के कामकाज के हालात को बदलने का मनमाना फैसला किया है और ऐसे में सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारियों के अधिकारों एवं हितों की सुरक्षा करे।
सरकार ने ओएफबी को एक अक्टूबर से भंग कर दिया और इसकी संपत्तियां, कर्मचारियों और प्रबंधन को सात रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों को हस्तांतरित कर दिया।
ओएफबी सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों को महत्वपूर्ण हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करता था।
विश्वम ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं ओएफबी का निगमीकरण करने के सरकार के फैसले से पैदा हुए हालात और नये प्रबंधन की ओर से लिए गए कामगार विरोधी निर्णयों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। निगमीकरण का भारी विरोध होने के बावजूद सरकार अपनी इस योजना पर आगे बढ़ गई।’’
भाकपा सांसद ने दावा किया कि कर्मचारियों को कुछ गारंटी दी गई थी, लेकिन उनका सम्मान नहीं किया गया।
भाषा हक
हक दिलीप
दिलीप
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