नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ‘अग्निपथ’ योजना के माध्यम से ‘हिंदू समाज का सैन्यीकरण करने’ के विनायक दामोदर सावरकर के लक्ष्य को पूरा कर रही है तथा रक्षा उत्पाद परियोजनाओं से जुड़ रहे निगमों के उद्देश्य को पूरा कर रही है।
वामपंथी दल के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय के अनुसार, ‘अग्निपथ’ योजना में छिपा हुआ पहलू भी है जो इसे ज्यादा खतरनाक बनाता है।’’
उसने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना को इस व्यापक स्वरूप में देखने की जरूरत है कि भारतीय राज्य और इसकी संस्थाओं को हिंदुत्व की छवि वाला आकार देना है। सरकार के दूसरे अंगों की तरह हिंदुत्वादी शासक शस्त्र बलों को भी अपने वैचारिक नजरिये से पुनर्गठित कर रहे हैं।’’
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘सच्चाई यह है कि हर साल सेना से बाहर होने वाले हजारों सैनिक समाज का हिस्सा बनेंगे और यह किसी न किसी तरह से हिंदू समाज का सैन्यीकरण करने के सावरकर के लक्ष्य को पूरा करना है।’’
माकपा ने दावा किया कि मुख्य रक्षा प्रमुख (सीडीएस) की नियुक्ति की योग्यता का दायरा जिस तरह से व्यापक किया गया उससे उच्च सैन्य नेतृत्व का व्यापक रूप से राजनीतिकरण करने का रास्ता भी खुला।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना 14 जून को घोषित की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है। चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने का प्रावधान है। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन होने के बीच सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।
भाषा हक हक माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केजरीवाल ने अदालत में कहा- ईडी ने आप के भ्रष्ट…
32 mins agoभारत रत्न समारोह के कारण 30 मार्च को ‘चेंज ऑफ…
49 mins ago