नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक मामलों की संख्या काफी हद तक कम कर दी है और उसने यह सुनिश्चित करने के लिए लंबित मामलों की समीक्षा की कवायद शुरू की है कि सभी मामले उचित समय में तार्किक अंत तक पहुंचें।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त सुरेश एन पटेल और सतर्कता आयुक्तों अरविंद कुमार एवं प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात के दौरान यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि पटेल ने आंकड़ों का हवाला देते हुए सिंह को सूचित किया कि आयोग द्वारा 2020 में शुरू की गई विशेष मुहिम के कारण दिसंबर 2018 से पहले की अवधि में लंबित 2,099 अनुशासनात्मक मामलों की संख्या 30 जून, 2022 तक कम होकर 227 रह गई।
मंत्री को बताया गया कि आयोग ने 2020 में लंबित अनुशासनात्मक मामलों की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मामले उचित समय में तार्किक अंत तक पहुंचें।
सिंह ने कहा कि इस महीने के पहले सप्ताह में सीवीसी और दो सतर्कता आयुक्तों को नियुक्त करके, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का संदेश दिया है।
भाषा सिम्मी पवनेश
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