कोच्चि, 28 नवंबर (भाषा) राज्य सरकार ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय को बताया कि हिंसक प्रदर्शनों और प्रदर्शनकारियों द्वारा विझिंजम बंदरगाह पर हमले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाए जाएंगे।
अडाणी समूह द्वारा प्रदर्शनों के कारण निर्माण कार्य में बाधा पहुंचने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अनु शिवरमण की अदालत ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह हिंसा के खिलाफ उठाए गए कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट उसे सौंपे और मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी।
इस बीच, अडाणी समूह ने अदालत को बताया कि उसके आदेश के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने निर्माण सामग्री लेकर आ रहे ट्रकों को रोक दिया है।
राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि करीब 3,000 प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा में 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि वह क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए।
गौरतलब है कि अदालत ने बार-बार प्रदर्शनकारियों से कहा है कि वे बंदरगाह की ओर जाने वाले सड़कें अवरुद्ध ना करें और सरकार से कहा है कि वह प्रदर्शनों के लिए बनाए गए अस्थाई निर्माणों को हटाए।
लेकिन सरकार ने सात नवंबर को अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के शामिल होने के कारण वह प्रदर्शनकारियों के अस्थाई निर्माण में हटाने में सक्षम नहीं है।
अडाणी समूह ने इससे पहले दावा किया था कि निर्माण स्थल को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के अदालती आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। अडाणी समूह ने प्रदर्शन स्थल पर किए गए अस्थाई निर्माण को भी गिराने की मांग की है।
भाषा अर्पणा माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गलत काम करने वालों को कीमत चुकानी होगी : पीयूष…
12 mins agoमीरवाइज को नज़रबंद किया गया : संगठन का दावा
33 mins ago