दौसा चिकित्सक आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए :गोठवाल |

दौसा चिकित्सक आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए :गोठवाल

दौसा चिकित्सक आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए :गोठवाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : May 23, 2022/11:31 pm IST

जयपुर, 23 मई (भाषा) राजस्थान के दौसा जिले में मार्च माह में एक महिला चिकित्सक को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी भाजपा के प्रदेश सचिव जितेंद्र गोठवाल ने सोमवार को मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की ‘‘ प्रतिशोध की राजनीति’’ के कारण मामले में उन्हें फंसाया गया है।

गोठवाल को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और एक हफ्ते पहले ही उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमानत दी है।

गोठवाल ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘‘मुझे इस मामले में झूठा फंसाया गया था। मैं मामले की सीबीआई जांच की मांग करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘ पिछले तीन सालों में मैंने भरतपुर और जयपुर संभाग में 25 धरने दिये और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। सरकार मेरी आवाज को दबाना चाहती है।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘ मुझे इसलिये गिरफ्तार किया गया क्योंकि कुछ दिन पहले मैंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा को ट्रेन का टिकट भेजकर उनसे बलात्कार के मामले में राजस्थान आने के लिये कहा था।’’

गोठवाल ने कहा कि दौसा में चिकित्सक अर्चना शर्मा की आत्महत्या के मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा कि एक महिला आशा बैरवा की 28 मार्च को अस्पताल में मौत के मामले में चिकित्सक अर्चना शर्मा और उनके पति के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद वह धरना स्थल पर गये थे।

उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे धरने पर जाने से पहले महिला आशा बैरवा के परिवार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था। ’’

डॉ अर्चना शर्मा और उनके पति के खिलाफ उनके अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत के बाद 28 मार्च को मामला दर्ज किया गया था। अगले दिन 29 मार्च को डॉ अर्चना ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

गर्भवती महिला के परिजनों ने डॉक्टर अर्चना शर्मा पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के सामने शव को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा डॉक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ लालसोट थाने में मामला दर्ज होने के बाद मामला शांत हुआ।

भाजपा नेता गोठवाल भी परिजनों की ओर से दिये गये धरने में शामिल हुए थे और पुलिस ने उन्हें अन्य लोगों के साथ आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया था।

विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ धरना और प्रदर्शन करने के लिये झूठे मुकदमे दर्ज किये हैं।

राठौड ने आरोप लगाया कि ‘‘पुलिस राजस्थान में कांग्रेस सरकार की कठपुतली है और राज्य में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह गहलोत दंड संहिता (जीपीसी) है।’’

भाषा कुंज धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)