नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष शुभाशीष पांडा के खिलाफ आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया।
दक्षिणी रिज क्षेत्र के सतबारी इलाके में छतरपुर से सार्क विश्वविद्यालय तक सड़क के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटने को लेकर पांड़ा को यह नोटिस जारी किया गया है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने उपाध्यक्ष द्वारा दायर भ्रामक हलफनामे और न्यायालय में गलत तथ्यों को प्रस्तुत करने को लेकर भी नाराजगी जताई। न्यायालय ने डीडीए द्वारा काटे गए प्रत्येक पेड़ के लिए 100 नए पेड़ लगाने का भी निर्देश दिया।
डीडीए उपाध्यक्ष द्वारा दायर हलफनामे जिसमें कहा गया था कि उनकी जानकारी के बिना 642 पेड़ काटे गए, पर कड़ी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ”वह अब डीडीए पर विश्वास नहीं कर सकता।”
न्यायमूर्ति ओका ने मौखिक टिप्पणी की, ”मैं पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से संवैधानिक अदालतों में न्यायाधीश रहा हूं और मैंने कभी किसी संस्था को तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते और गलत हलफनामा दाखिल करते नहीं देखा है।”
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पवनेश देवेंद्र
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