प्रजनन दर में गिरावट जनसंख्या विस्फोट के मिथक को दूर करती है: पीएफआई

प्रजनन दर में गिरावट जनसंख्या विस्फोट के मिथक को दूर करती है: पीएफआई

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  • Publish Date - November 25, 2021 / 02:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) में पता चला है कि कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 से गिरकर 2.0 हो गई है और यह तथ्य जनसंख्या विस्फोट के मिथक को दूर करता है।

पीएफआई ने कहा कि यह तथ्य दिखाता है कि आबादी को काबू करने के प्रतिरोधी कदमों से भारत को दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या को कुल प्रजनन दर या टीएफआर कहा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मुद्दों पर सबसे व्यापक आंकड़ों वाले सर्वेक्षण एनएफएचएस के पांचवें दौर के निष्कर्षों को जारी किया था।

इसकी पृष्ठभूमि में पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुटरेजा ने कहा कि टीएफआर में गिरावट उल्लेखनीय उपलब्धि है।

मुटरेजा ने कहा, ‘‘पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया इस बात का स्वागत करता है कि भारत की कुल प्रजनन दर (महिला के जीवनकाल में बच्चों की औसत संख्या) अब 2.0 है। यह उस स्तर से कम है जिसमें एक आबादी में एक पीढ़ी का स्थान पूरी तरह से अगली पीढ़ी ले लेती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिसमें बलपूर्वक नीतियां शामिल नहीं हैं। ये निष्कर्ष जनसंख्या विस्फोट के मिथक को दूर करते हैं और दिखाते हैं कि भारत को जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रतिरोधी उपायों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।’’

भाषा मानसी प्रशांत

प्रशांत